धर्म के नाम पर तरह-तरह की दुकान चलाते हैं फर्जी बाबा

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लखनऊ । धर्म के नाम पर संतों को संदेह के घेरे में लाने वाले 11 फर्जी बाबा अब जनता के बीच बेनकाब होंगे। इलाहाबाद में आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने लिस्ट जारी कर 11 बाबाओं को फर्जी बताया है।

अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी की बैठक में जारी की गई सूची में स्वयंभू बाबाओं के नाम हैं। इसमें आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सचिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं व रामपाल के नाम शामिल हैं।

इनके गोरखधंधे सबके सामने आने लगे हैं। आसाराम के साथ उनके पुत्र नारायण सांईं तो जोधपुर जेल में बंद हैं। इनके बाद डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत सिंह राम रहीम भी अंदर गए हैं। अब और लोगों का भी नंबर लग सकता है।

आसाराम : आसाराम ने अपने धर्म की दुकान गुजरात के अहमदाबाद से शुरू की। धर्म का सहारा लेकर अरबों का साम्राज्य खड़ा किया है। 2013 से नाबालिग शिष्या से रेप के आरोप में जोधपुर जेल में बंद हैं। आरोप है कि आसाराम आशीर्वाद देने के नाम पर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण व दुष्कर्म करते थे। हालांकि अब तक इनपर आरोप सिद्ध नहीं हो पाया है।

राधे मां : खुद की देवी बताने वाली सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां का विवादों से पुराना नाता है। यह तो भक्तों की गोद में बैठने तक के पैसे लेती हैं। चार अप्रैल 1965 में पंजाब के जिले गुरुदासपुर के दोरंगला गांव में जन्मीं सुखविंदर कौर पति की खराब आर्थिक हालत के चलते मुंबई में दूसरे के घरों में काम करती थीं।

महज 10वीं तक पढ़ी राधे मां की 17 साल उम्र में शादी हुई थी। कुछ वर्ष पहले इन्होंने खुद को महंत घोषित कर दिया था। इनपर खुदकुशी के लिए उकसाने जैसे गंभीर मामले चल रहे हैं।

सचिदानंद गिरी : नोएडा के साथ गाजियाबाद में रियल एस्टेट के साथ बीयर बार-पब जैसे कारोबार से जुड़े रहने वाले सचिन दत्ता उर्फ सचिदानंद अचानक से बाबा बन गए। आरोप है कि वह तो धोखे से निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बन गए।

इनके दीक्षा दिलाने के अवसर पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए थे। तत्कालीन सपा सरकार के कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव भी उसमें शरीक हुए थे।

गुरमीत राम रहीम : हरियाणा के सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम हाल ही में रेप के मामले में सजा पाए हैं। 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्मे राम रहीम 1990 में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बने।

खुद को रॉकस्टार बाबा के रूप में प्रस्तुत करते रहे। इन्होंने फिल्मों में भी अभिनय किया है। गुरमीत राम रहीम शिष्या से रेप के दोषी हैं। पत्रकार और सेवादार की हत्या मामले में भी आरोप हैं।

ओम बाबा : एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान मारपीट करने और टीवी रियलिटी शो ‘बिग बॉसÓ में अपनी बेहुदा हरकतों के चलते ओम बाबा सुर्खियों में आए। टाडा आर्म्स एक्ट केस के चलते ओमजी स्वामी पांच वर्ष जेल में सजा काट चुके हैं। साल 1972 में उन्होंने साधु का रूप धारण किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली के मोतीबाग में कांग्रेस की सेक्रेटरी रहीं रानी प्रेमलता के यहां ही बाबा साधु बने। चोरी, ठगी जैसे आरोप हैं।

निर्मल बाबा : टीवी चैनलों पर निर्मल बाबा काफी लोकप्रिय हैं। यह तो टीवी पर ऊटपटांग उपाय बताकर लोगों की समस्याएं सुलझाते हैं।

झारखंड के वरिष्ठ राजनेता इंदर सिंह नामधारी के मुताबिक निर्मल बाबा उनके रिश्तेदार हैं। निर्मल बाबा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। इन पर आय से अधिक संपत्ति समेत कई मामले दर्ज हैं।

भीमानंद महाराज : दिल्ली के 1988 में नेहरु प्लेस के एक फाइव स्टार होटल में गार्ड की नौकरी करने वाले भीमानंद अचानक से बाबा बन गए। 12 वर्ष में भीमानंद ने करोड़ों की संपत्ति बना ली थी। कथित बाबा सेक्स रैकेट चलाने और चीटिंग करने के आरोप में जेल जा चुके हैं। भीमानंद उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के चमरौहा गांव के रहने वाले हैं। स्वामी भीमानंद खुद को साईं बाबा का अवतार बताते रहे। इनका असली नाम असली नाम शिव मूरत द्विवेदी है।

स्वामी असीमानंद : मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हुगली के रहने वाले असीमानंद का असली नाम नब कुमार है। 1990 से 2007 के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ी संस्था वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत प्रचारक प्रमुख रहे। इन्होंने शबरी माता का मंदिर बनाया और शबरी धाम स्थापित किया। अजमेर दरगाह में 2007 में हुए विस्फोट मामले में आरोपी रहे। स्वामी असीमानंद को अजमेर, हैदराबाद और समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामलों में 19 नवंबर 2010 को उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था।

नारायण साईं : आसाराम के बेटे नारायण साईं भी खुद को महंत घोषित कर चुका है। नारायण साईं पर यौन शोषण और हत्या के आरोप हैं। यह भी पिता की तरह लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं।

रामपाल : स्वयं को भगवान बताने वाले रामपाल इन दिनों जेल में कैद हैं। हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में पैदा हुए रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर थे। स्वामी रामदेवानंद महाराज के शिष्य बनने के बाद नौकरी छोड़ प्रवचन देना शुरू किया था। बाद के दिनों में कबीर पंथ को मानने लगे और अपने अनुयायी बनाने में जुट गए. रामपाल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है। 2006 में रामपाल पर हत्या का केस दर्ज किया गया था।