इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसके जरिए उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया गया था. साथ ही पनामा पेपर्स मामले में उनके और उनके बच्चों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले शुरू किए गए थे. शरीफ ने 28 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जब शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर उन्हें अयोग्य ठहराया था. अदालत ने शरीफ के बच्चों के खिलाफ भी मामले शुरू करने के आदेश दिए थे.
दायर की समीक्षा याचिका
शरीफ के बेटे हुसैन और हसन, बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) मुहम्मद सफदर ने अधिवक्ता सलमान अकरम रजा के जरिए उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की. याचिकाकर्ताओं ने 6 सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा की गई जांच को चुनौती दी. इस जांच दल को पनामा पेपर्स मामले की जांच की जिम्मेदारी उच्चतम न्यायालय ने सौंपी थी. शरीफ को जेआईटी के निष्कर्षों के आधार पर अयोग्य ठहराया गया था. जेआईटी ने कहा था कि शरीफ ने यूएई स्थित अपने बेटे की कंपनी से ‘मिले वेतन’ की घोषणा नहीं की थी.
शरीफ पहले ही दे चुके हैं चुनौती
याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय के इस फैसले पर भी आपत्ति जताई कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों में से एक राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की कार्यवाही की निगरानी करेंगे. शरीफ ने पहले ही अपने अधिवक्ता ख्वाजा हैरिस के जरिए फैसले को चुनौती दी है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ तीन समीक्षा याचिका दायर की है.