दिल्ली गैंगरेप और मर्डर केस के दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाने वाली याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि डेथ वारंट के हिसाब से निर्भया के दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच फांसी की सजा दी जानी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है। उन्होंने अदालत को बताया कि दोषियों के वकील ए पी सिंह झूठी सूचना दे रहे हैं कि पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका लंबित है और उन्होंने कहा कि सभी दोषियों ने अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है। सिंह ने यह भी कहा कि अक्षय की पत्नी ने बिहार की एक अदालत में तलाक की अर्जी दायर की है जो अभी लंबित है। इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि कोई अन्य याचिका मौजूदा मामले के कानूनी उपाय के दायरे में नहीं आती है।
Delhi’s Patiala House Court dismisses the plea of 2012 Delhi gangrape convicts seeking a stay on execution pic.twitter.com/QwvIFezMuA
Delhi's Patiala House Court dismisses the plea of 2012 Delhi gangrape convicts seeking a stay on execution pic.twitter.com/QwvIFezMuA
— ANI (@ANI) March 19, 2020
निर्भया की वकील ने कहा है कि मुझे यकीन है कि सभी दोषियों को कल सुबह साढ़ें पांच बजे फांसी की सजा होगी।
न्यायालय ने दोषी पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया मामले के दोषी पवन गुप्ता की उस सुधारात्मक याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसने 2012 में हुए इस अपराध के समय नाबालिग होने का दावा किया था। न्यायमूर्ति एन.वी. रमण के नेतृत्व में छह न्यायाधीशों की एक पीठ ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मामला नहीं बनता। पीठ ने कहा, ” मौखिक सुनवाई का अनुरोध खारिज किया जाता है। हमने सुधारात्मक याचिका और संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया। हमारे अनुसार यह कोई मामला नहीं बनता… इसलिए हम सुधारात्मक याचिका को खारिज करते हैं। पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर. एस. बोपन्ना भी शामिल थे।
दोषी अक्षय की पत्नी अदालत के बाहर बेहोश हुई
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड मामले के सजायाफ्ता चार दोषियों में से एक अक्षय सिंह की पत्नी बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस अदालत के बाहर बेहोश हो गई। उसने बेहोश होने से पहले कहा कि उसे और उसके नाबालिग बेटे को भी फांसी दे दी जाए। अदालत के बाहर चीखते हुए उसने कहा, “मुझे भी न्याय चाहिए। मुझे भी मार दो। मैं जीना नहीं चाहती। मेरा पति निर्दोष है। यह समाज उसके पीछे क्यों पड़ा है?” उसने कहा, “हम इस उम्मीद में जी रहे थे कि हमें न्याय मिलेगा लेकिन पिछले सात साल से हम रोज मर रहे हैं।”
सिंह की पत्नी ने खुद को सैंडल से मारना शुरू कर दिया जिसके बाद वकीलों ने उसे समझाया-बुझाया। हालांकि पीड़िता के परिजन के वकील ने कहा कि दोषियों को कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए। वकील ने कहा, “अक्षय हमारे समाज का हिस्सा है। अप्राकृतिक मौत से हर किसी को दुख होता है लेकिन अक्षय के साथ कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।”
गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। अदालत को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि सभी दोषी अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं और उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके हैं।