पटना पहुंचा शहीद रमेश का पार्थिव शरीर, डीजीपी ने दिया कंधा, पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार

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पटना : जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकियों को ढेर करने के बाद लोहा लेते हुए शहीद होनेवाले सीआरपीएफ जवान रमेश रंजन का पार्थिव शरीर गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर बिहार सरकार के मंत्री समेत प्रदेश के वरीय अधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही ‘भारत माता की जय’ और ‘वीर रमेश रंजन अमर रहे’ के नारे से पटना एयरपोर्ट परिसर गूंज उठा. डीजीपी ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देकर सड़क मार्ग से पैतृक गांव के लिए रवाना कर दिया.

मंत्री और प्रदेश के अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि, डीजीपी ने दिया शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा

पटना एयरपोर्ट पर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बिहार सरकार के मंत्री समेत प्रदेश के वरीय अधिकारियों के साथ-साथ सीआरपीएफ के वरीय अधिकारी मौजूद थे. प्रदेश के मंत्री नंदकिशोर यादव, पूर्व मंत्री कांति सिंह, गृह सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि के अलावा सीआरपीएफ के आईजी, डीआईजी ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने खुद शहीद जवान रमेश रंजन के पार्थिव शरीर को कंधा दिया.

पैतृक गांव भेजा गया शहीद का पार्थिव शरीर, पुलिस सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

पटना एयरपोर्ट पर शहीद रमेश रंजन के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के बाद सड़क मार्ग से पैतृक गांव भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र की बभनियाव पंचायत के देव टोला के लिए रवाना कर दिया गया. पैतृक गांव पहुंचने पर शहीद के पार्थिव शरीर का पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा.

पिता बोले- शहीद बेटे पर गर्व है

भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र की बभनियाव पंचायत के देव टोला रमेश के पिता राधामोहन सिंह ने कहा कि ‘मुझे अपने शहीद बेटे पर गर्व है.’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘केंद्र सरकार कश्मीर में ऐसा काम करे कि वहां जड़ से आतंकी मिट जाएं, जिससे मेरे बेटे जैसा देश का कोई और बेटा शहीद नहीं हो.

साल 2011 में रमेश रंजन हुए थे सीआरपीएफ में भर्ती

भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र की बभनियाव पंचायत के देव टोला निवासी राधामोहन सिंह और सुमित्रा देवी के सबसे छोटे लाल रमेश रंजन चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे थे. साल 2011 में वह सीआरपीएफ की 73 वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. रमेश के पिता राधामोहन सिंह बिहार पुलिस के सब इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. बड़े भाई राजेश कुमार गांव में खेती करते हैं. वहीं, दूसरे और तीसरे नंबर के राजीव रंजन और रितेश रंजन दिल्ली में इंजीनियर हैं. रमेश का विवाह फरवरी 2016 में गुड़ी सरैया गांव निवासी विजय सिंह की बेटी बेबी देवी के साथ हुई थी. दि

संबर में ही छुट्टियां बिता कर ड्यूटी पर लौटे थे रमेश रंजनर

मेश रंजन एक माह की छुट्टी पर 20 नवंबर, 2019 को अपने पैतृक गांव आये थे. छुट्टी खत्म होने पर वह 22 दिसंबर को ड्यूटी पर लौट गये थे. रमेश रंजन के शहीद होने की सूचना उनके दोस्त ने पिता राधामोहन सिंह को बुधवार की दोपहर करीब 12 बजे मोबाइल पर दी थी. सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया. रमेश की पत्नी बेबी देवी अपने मायके कोलकाता में हैं.