पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दिया इस्‍तीफा

497

इस फैसले के बाद अब नवाज शरीफ पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नहीं रह सकते थे. लिहाजा नवाज शरीफ ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया और केंद्रीय मंत्रिमंडल को बर्खास्‍त कर दिया गया है.

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान सुप्रीम कोर्ट ने पनामा केस में फैसला सुनाते हए नवाज शरीफ को दोषी ठहराया है. पांच जजों की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नवाज शरीफ के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उनको प्रधानमंत्री पद के अयोग्‍य ठहरा दिया है. इस फैसले के बाद अब नवाज शरीफ पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नहीं रह सकते थे. लिहाजा नवाज शरीफ ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया और केंद्रीय मंत्रिमंडल को बर्खास्‍त कर दिया गया है.

दरअसल इस मामले में नवाज शरीफ समेत उनके परिजनों पर काला धन छुपाने, भ्रष्‍टाचार और मनी लांड्रिंग के आरोप थे. इन मामलों में उनको और परिजनों को दोषी पाया गया है. इससे पहले 21 जुलाई को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस एजाज अफजल की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सियासी भविष्‍य खतरे में 
नवाज शरीफ के खिलाफ फैसला आते ही उनका सियासी भविष्‍य अधर में लटक गया है. पाकिस्‍तान की सियासत में भी भूचाल आ गया है क्‍योंकि अब शरीफ की पार्टी पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग(नवाज) को नया नेता चुनना होगा. यह इसलिए भी अहम है क्‍योंकि सत्‍ता अब उनके परिवार के हाथों से बाहर जा सकती है. दूसरी तरफ मुख्‍य विपक्षी पीपीपी भी बहुत मजबूत स्थिति में नहीं है.

इससे पहले 21 जुलाई को सुनवाई के दौरान जस्टिस सईद ने कहा कि अदालत अपना फैसला सुनाते हुए किसी कानून से विचलित नहीं होगी. ”हम याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों के मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत हैं.” सुप्रीम कोर्ट ने दस खंडों वाली रिपोर्ट का अंतिम हिस्सा भी खोला जिसे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने दाखिल की थी. उच्चतम न्यायालय ने शरीफ और उनके परिवार पर लगे धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए जेआईटी गठित की थी.

जेआईटी ने कहा था कि रिपोर्ट का दसवां खंड गोपनीय रखा जाए क्योंकि इसमें दूसरे देशों के साथ पत्राचार का ब्‍यौरा है. शरीफ के वकीलों की टीम ने इस पर एतराज जताया था. अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया कि खंड की एक प्रति शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस को सौंपी जाए.

इमरान खान के आरोप
बचाव पक्ष की दलीलों का जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए याचिकाकर्ताओं ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में अदालत से आग्रह किया कि कथित रूप से संपत्ति छिपाने और अपने बच्चों के कारोबार स्थापित करने में इस्तेमाल हुए आय के स्रोत उजागर नहीं करने पर शरीफ को अयोग्य करार दिया जाए.

शरीफ के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में शामिल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के वकील ने दलील दी, ”धनशोधन के आरोपों का संतोषजनक जवाब देने में प्रधानमंत्री नाकाम रहे हैं और उन्हें अयोग्य करार देना चाहिए.”