पुडुचेरी: पुडुचेरी विधानसभा ने बुधवार को अहम विनियोग विधेयक पारित किया. तीन मनोनित विधायकों को भी सदन की कार्यवाही में भाग लेने की स्वीकृति मिली. उपराज्यपाल किरण बेदी से मंजूरी मिलने के बाद विधायकों के सत्र में हिस्सा लेने का रास्ता साफ हुआ. मनोनित विधायकों के आज विधानसभा की कार्यवाहियों में हिस्सा लने के बाद बेदी एवं कांग्रेस सरकार के बीच गतिरोध खत्म हो गया.
मनोनित विधायकों – वी सामीनाथन, के जी शंकर और एस सेल्वागणपति को कल अलग-अलग पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष वी वैथीलिंगम ने उन्हें सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति दी, जिसके बाद उन्होंने सत्र में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा पेश विनियोग विधेयक के पारित होने के बाद सरकार के मुख्य सचेतक ने एक प्रस्ताव पेश कर कहा कि मनोनित विधायकों को सदन के किसी मामले में वोट देने का अधिकार नहीं है. आर के आर आनंदरमन ने कहा कि मनोनित विधायकों को संविधान के अनुच्छेद 55 के अनुसार देश में कहीं भी और राष्ट्रपति चुनावों में अपने मताधिकार के इस्तेमाल का अधिकार नहीं है.
एआईएनआरसी विधायक अशोक आनंद और एन एस जे जयबालरोस ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और इसके विरोध में सदन से बर्हिगमन किया. अन्नाद्रमुक विधायकों ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया. कांग्रेस सरकार ने इस आधार पर तीनों भाजपा कार्यकर्ताओं की विधायक के तौर पर नियुक्ति का विरोध किया था कि सरकार से इस संबंध में कोई परामर्श नहीं किया.
बेदी ने पिछले साल चार जुलाई को राजनिवास में इन्हें विधायक पद पर मनोनित किया. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें यह कहकर विधायक के तौर पर मान्यता देने से इनकार कर दिया था कि उन्हें सक्षम प्राधिकारियों द्वारा मनोनित नहीं किया. बहरहाल उच्चतम न्यायालय ने उनके मनोनयन को बरकरार रखने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और 19 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि वे तीनों मनोनित भाजपा नेताओं को विधायक के तौर पर कामकाज करने की अनुमति दें.