प्रदर्शनकारियों ने लेबनान के विदेश मंत्रालय पर बोला धावा, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

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लेबनान में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शनिवार (8 अगस्त) को राजधानी में विदेश मंत्रालय की इमारत पर धावा बोल दिया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। वे इस सप्ताह बेरूत में हुए विस्फोट से नाराज थे। प्रदर्शनकारियों के समूह में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को कहा कि रविवार (9 अगस्त) को विदेश मंत्रालय के मुख्यालय घेराव होगा। वे इस दौरान मौजूदा सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 

एक अधिकारी ने बताया कि सेवानिवृत्त सेना अधिकारी सामी रामा ने परिसर में घुसने पहले एक बयान पढ़ा। इसके बाद गुस्साए लोगों ने परिसर में घुसने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। पथराव को रोकने और भीड़ पर काबू पाने के पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद भीड़ तितर बितर हो गई।

बेरूत पोत पर बीते मंगलवार (4 अगस्त) शाम 6:10 बजे हुए दो भीषण विस्फोट में लगभग 154 लोगों की मौत हो गई तथा पांच हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह लेबनान के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट था। विस्फोट ने अनाज के बड़े गोदाम को तबाह कर दिया और बंदरगाह के इलाकों में तबाही मचाई। शहर के कई इलाकों में शीशा और मलबा बिखरा है। यह विस्फोट 2750 टन एमोनियम नाइट्रेट में हुआ था। विस्फोटक और उर्वरक के काम में आने वाले रसायन को 2013 में एक पोत से जब्त किया गया था और तभी से यह बंदरगाह पर रखा हुआ था।

बेरूत में विस्फोटक रसायनों का भंडार होने की कई बार दी गई थी चेतावनी
लेबनान के सीमा शुल्क अधिकारियों, सेना, सुरक्षा एजेंसियों और न्यायपालिका के अधिकारियों ने पिछले छह वर्ष में कम से कम 10 बार इस बात को लेकर चेतावनी दी थी कि बेरूत के बंदरगाह में विस्फोटक रसायनों का जखीरा पड़ा है और उसकी सुरक्षा लगभग न के बराबर है। हाल में सामने आए कुछ दस्तावेजों से यह पता चलता है। राष्ट्रपति मिचेल औन ने शुक्रवार (7 अगस्त) को कहा कि उन्हें करीब तीन हफ्ते पहले खतरनाक रसायन भंडार के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्होंने फौरन सैन्य तथा सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।