नई दिल्ली: भारतीय टीम के मुख्य कोच लुइस नोर्टन दे माटोस ने कहा कि बेशक उनकी टीम फीफा अंडर-17 विश्व कप में एक भी मैच नहीं जीत पाई हो, लेकिन मेजबान टीम को मिला अनुभव उनके लिए भविष्य में काफी कारगर साबित होगा. माटोस ने कहा कि अंडर-17 विश्व कप का स्तर आई-लीग और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) से कहीं ऊपर का था.
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट से काफी कुछ सीखा है जो उनके साथ तब भी रहेगा जब वह देश की सीनियर टीम के लिए खेलेंगे. माटोस ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वह (भारत की अंडर-17 फुटबाल टीम के खिलाड़ी) दूसरों की तरह ही चतुर हैं. यह विश्व कप आई-लीग और आईएसएल से काफी बेहतर था, क्योंकि मैं जानता हूं कि जब आईएसएल टीम स्पेन में चौथी श्रेणी की टीम से खेलने जाती है वो हार जाती हैं.”
टीम के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए माटोस ने कहा, “इस स्तर पर दो मुश्किल मैचों के बाद मैं जानता था कि घाना के खिलाफ मैच मुश्किल होगा. मेरे मुताबिक, घाना ग्रुप में सबसे मजबूत टीम है. उनके खिलाड़ी काफी तेज हैं वो सभी मैच का रूख बदल सकते हैं.”
उन्होंने कहा, “हम शारीरिक रूप से काफी थके हुए थे. जब आप शारीरिक रूप से थके होते हैं तो आपका दिमाग काम करना बंद कर देता है और आप छोटी-छोटी गलतियां करते हो. मुझे अपनी टीम पर गर्व है.” कोच ने कहा, “दोनों टीमों के बीच काफी बड़ा अंतर था.”