नई दिल्ली : राजस्थान में एक लड़की ने कोर्ट में यह साबित कर दिया कि उसकी शादी गैरकानूनी ढंग से हुई थी. इस कहानी में ट्विस्ट यह है कि शादी के वक्त लड़की नाबालिग थी. इस लिहाज से शादी गैर कानूनी थी लेकिन लड़की कोर्ट में इस बात को साबित नहीं कर पा रही थी. ऐसे में उसने अपने पति के फेसबुक पेज को खंगालकर कोर्ट में शादी के सबूत पेश कर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया.
खबर के मुताबिक 19 साल की सुशीला बिश्नोई ने कोर्ट से शादी रद्द करने की अपील की थी. मामले में पेंच तब आया जब उसके पति ने शादी की बात से ही इंकार कर दिया. महिला के पति का कहना था कि दोनों की शादी कभी हुई ही नहीं. पति के इस तरह मुकरने से लड़की का केस कमजोर हो गया था क्योंकि जब शादी हुई ही नहीं तो उसे रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता. लड़की ने हिम्मत नहीं हारी और उसने एक सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से अपने पति के फेसबुक की छानबीन की. इस दौरान उसे फेसबुक पर ऐसे सबूत मिले जिससे यह साबित होता था कि लड़की की शादी हुई थी और वह भी तब जब वह नाबालिग थी.
राजस्थान में ढेरों बाल विवाह रुकवाने वाले सारथी ट्रस्ट की सर्वेसर्वा सामाजिक कार्यकर्ता कृति भारती के मुताबिक, ‘लड़की के पति के कई दोस्तों ने फेसबुक पर शादी की बधाई दी थी. कोर्ट ने सबूत मान लिए और शादी को अमान्य घोषित कर दिया.’ आपको बत दें कि यह शादी साल 2010 में राजस्थान के बाड़मेर में बेहद गुपचुप तरीके से हुई थी. शादी के वक्त लड़की सिर्फ 12 साल की थी. राजस्थान में शादी के बाद लड़कियां अपने माता-पिता के साथ तब तक रहती हैं जब तक कि वे 18 साल की न हो जाएं. 18 साल होने के बाद लड़कियों को उनके ससुराल पति के साथ रहने के लिए भेज दिया जाता है.
सुशीला बिश्नोई का कहना है कि उसके घरवाले उसे ससुराल जा कर पति के साथ रहने के लिए मजबूर कर रहे थे. सुशीला के मुताबिक, ‘मैं पढ़ना चाहती थी लेकिन मेरे घर वाले और ससुराल वाले उस शराबी के साथ रहने के लिए मुझ पर दबाव बना रहे थे. यह जिंदगी और मौत का मामला था. मैंने जिंदगी को चुना.’
घर वालों से तंग आकर सुशीला अपने घर से भाग गई. फिर उसकी मुलाकात कृति भारती से हुई जिन्होंने कानूर्न कार्यवाही में उसकी मदद की. गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना रेप हो सकता है, अगर नाबालिग पत्नी इसकी शिकायत एक साल में करती है तो. कोर्ट ने कहा था कि शारीरिक संबंधों के लिए उम्र 18 साल से कम करना असंवैधानिक है. कोर्ट ने IPC की धारा 375 के अपवाद को अंसवैधानिक करार दिया. अगर पति 15 से 18 साल की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो रेप माना जाए. कोर्ट ने कहा ऐसे मामले में एक साल के भीतर अगर महिला शिकायत करने पर रेप का मामला दर्ज हो सकता है.
दरअसल, IPC375(2) कानून का यह अपवाद कहता है कि अगर कोई 15 से 18 साल की बीवी से उसका पति संबंध बनाता है तो उसे दुष्कर्म नही माना जाएगा जबकि बाल विवाह कानून के मुताबिक शादी के लिए महिला की उम्र 18 साल होनी चाहिए. देश में बाल विवाह भारी संख्या में हो रहे हैं. ऐसे में राज्यों पर इन्हें रोकने की जिम्मेदारी है.