बिहार: एफआईआर और चार्जशीट एक क्लिक पर पहुंच जाएगी अदालत, कोर्ट और थाना कम्प्यूटर नेटवर्क से जुड़ेंगे

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एफआईआर और चार्जशीट अब एक क्लिक पर थानों से अदालत पहुंच जाएगी। बिहार में शुक्रवार से इसकी शुरूआत होगी। इसके लिए जरूरी तकनीकी काम पूरे कर लिए गए हैं। फिलहाल यह छोटे पैमाने पर होगा। फिलहाल राज्य के 61 थानों को स्थानीय अदालतों से जोड़ा जा रहा है। अदालत के साथ थानों को डिजिटल रूप में जोड़ने का काम इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) परियोजना का तहत किया जा रहा है। 

पटना और नालंदा के थाने जुड़ेंगे
फिलहाल पटना और नालंदा के 61 थानों को स्थानीय अदालतों से जोड़ा जा रहा है। इन थानों में क्राइम एवं क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) का काम पूरा हो चुका है। सीसीटीएनएस ने जुड़े इन थानों को अब अनुमंडल और जिला अदालतों से जोड़ने की शुरूआत हुई है। इसके लिए सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं और शुक्रवार से थाना डिजिटल तौर पर अदालतों के साथ जुड़ जाएंगे। बाकी थानों में जैसे-जैसे सीसीटीएनएस का काम पूरा होगा उन्हें स्थानीय अदालतों से जोड़ा जाएगा। 

आईसीजेएस परियोजना का हिस्सा
पुलिस, अदालत, जेल और अभियोजन को एक साथ कम्प्यूटर नेटवर्क पर लाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) परियोजना तैयार किया गया है। इसमें सीसीटीएनएस, ई कोर्ट, ई जेल और ई प्रोविजन जैसे नेटवर्क एक साथ मिले होंगे। थानों में लगे सीसीटीएनएस नेटवर्क को इसी आईसीजेएस से जोड़ने के बाद थाना और अदालत डिजिटल फॉर्म में एक-दूसरे से जुड़ जाएंगे।

ये होगा फायदा
थानों को डिजिटल तौर पर अदालतों से जोड़ने के बाद कामकाज में काफी सहुलियत होगी। एफआईआर, चार्जशीट और केस डायरी समेत अन्य कागजात डिजिटल फॉर्फ में अदालत को भेजा जाएगा। वहीं अदालत द्वारा जारी वारंट आदि भी तुरंत थाने को मिल जाया करेगी। 

फिलहाल दोनों तरीके से होगा काम
61 थानों को आईसीजेएस नेटवर्क के जरिए अदालतों से जोड़ने के बाद भी मैनुअल काम जारी रहेगा। यानी थाना और अदालत के बीच डिजिटल फॉर्म में कागजात भेजे जाएंगे पर पुराने तरीके से भी काम होगा। इस दौरान देखा जाएगा कि कहीं कोई दिक्कत तो नहीं आ रही। ऐसा होता है तो उसे दुरुस्त कर किया जाएगा। अन्य थानों के भी इस नेटवर्क का हिस्सा होने के बाद यह काम पूरी तरह डिजिटल फॉर्म में ही होगा।