बिहार में आरजेडी की रैली के बाद राजनैतिक रूप से शान्ति दिख रही है, लेकिन पार्टियों के अंदर जोर आजमाइश जारी है. लालू प्रसाद की रैली में नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर खूब तीर चलाए गए.
जनता दल यू के राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने कहा कि यह जनादेश के खिलाफ है और असली जनता दल यू हमारे पास है. इन सबके बीच जनता दल यू के नेताओं में जवाब देने की जबरदस्त उत्कंठा है. हालांकि जनता दल यू के नेता कहते है कि इसका जवाब सरकार काम करके देगी.
इन सबके बीच सरकार को मजबूत करने की कोशिश भी हो रही है. अगले चंद दिनों में बिहार में राजनैतिक उथल पुथल हो सकती है और सबसे पहले कांग्रेस इसका शिकार बनेगी. सूत्रों की माने तो कांग्रेस में जबरदस्त टूट होने जा रही है. सारी बात तय हो गई है. कांग्रेस के कई विधायकों को आरजेडी का साथ रास नहीं आ रहा है. चाहे वो विचारधारा का मामला हो या क्षेत्र में वोटों का हिसाब किताब.
कांग्रेस के 27 विधायक 2015 में महागठबंधन के सहयोग से जीत कर आए थे. पिछले 20 वर्षों में इससे ज्यादा सीट कांग्रेस को कभी नहीं मिली थी. कांग्रेस को राज्य में सरकार चलाने का मौका भी मिला था, लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व का तेजस्वी यादव पर स्पष्ट निर्णय नहीं होने के कारण सरकार हाथ से निकल गई. 20 महीनों तक सत्ता का स्वाद चख चुके कांग्रेसियों को ये रास नहीं आ रहा है.
आरजेडी की रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बीमार होने की वजह से नहीं आई तो कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी विदेश में होने की वजह से. हालांकि सोनिया गांधी का रिकार्डेड मैसेज रैली में सुनाया गया और राहुल गांधी का संदेश भी पढ़ा गया. लेकिन, यह पार्टी में जान फूंकने के लिए काफी नहीं है. कांग्रेस के विधायकों को आगे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में रास्ता बदलना ही उन्हें उचित लग रहा है.