बिहार: प्रश्नपत्र ही छापना भूल गया यह विश्वविद्यालय, बदली परीक्षा की तिथि

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भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय में पीजी की हिंदी विषय की परीक्षा में छात्र जब परीक्षा देने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि प्रश्नपत्र ही नहीं छपा है। 

भागलपुर [जेएनएन]। छात्र निर्धारित तिथि पर परीक्षा देने पहुंचे, लेकिन जब परीक्षा का समय आया तो पता चला कि प्रश्नपत्र ही नहीं छपा है। यह सुनकर उनके होश उड़ गए। यह घटना भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय की है। इस घटना से छात्र काफी नाराज हो गए। अब 22 अप्रैल को उनकी परीक्षा होगी।
तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी हिंदी विभाग में मंगलवार को प्रश्नपत्र नहीं पहुंचने के कारण सेकेंड सेमेस्टर के आठवें पत्र की परीक्षा ही नहीं हो पाई। परीक्षा देने छात्र पहुंच गए लेकिन प्रश्नपत्र नहीं पहुंचा। छात्रों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने जमकर हंगामा किया।
हालांकि बाद में विभाग के शिक्षकों ने समझाया तब छात्र शांत हुए। सेंटर पर प्रश्नपत्र नहीं पहुंचने के मामले में कुलपति डॉ. नलिनी कांत झा ने पीजी हिंदी की हेड व परीक्षा नियंत्रक से शोकाज पूछा है।
पीजी की परीक्षा के लिए हेड को प्रश्नपत्र सेट कर विवि को भेजना होता है। लेकिन पीजी हिंदी की हेड ने सेमेस्टर टू के आठवें पत्र का प्रश्नपत्र सेट कर विश्वविद्यालय को नहीं भेजा। विवि ने भी प्रश्नपत्र को लेकर पीजी हेड को ताकीद नहीं की। जिसके कारण मंगलवार को परीक्षा नहीं हुई।
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कुलानुशासक ने परीक्षा नियंत्रक से परीक्षा के बाबत पूछा तो उन्हें जबाव मिला कि पीजी हेड द्वारा प्रश्नपत्र का सेट नहीं भेजे जाने के कारण प्रश्नपत्र सेंटर पर नहीं भेजा जा सका। प्रश्नपत्र नहीं रहने के कारण परीक्षा नहीं हुई। जब पीजी हेड से पूछा गया तो उन्होंने गलती मानते हुए प्रश्नपत्र का सेट नहीं भेजने की बात कही। परीक्षा नहीं होने के मामले को कुलपति डॉ. झा ने गंभीरता से लेते हुए पीजी हेड व परीक्षा नियंत्रक से शोकॉज पूछा है।
कुलानुशासक डॉ. योगेन्द्र ने कहा है कि पीजी हेड व परीक्षा विभाग दोनों ही स्तर पर घोर लापरवाही हुई है। अगर पीजी हेड ने प्रश्नपत्र का सेट नहीं भेजा तो परीक्षा विभाग को इसकी ताकीद करनी चाहिए थी। हेड से प्रश्नपत्र के संबंध में पूछताछ करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। परीक्षा नहीं होने के लिए दोनों ही जिम्मेदार हैं।