बिहार: माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों के 40 हजार शिक्षक 25 से जाएंगे हड़ताल पर

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प्रदेश के करीब छह हजार माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 25 फरवरी से तालाबंदी होगी। इन स्कूलों के करीब 40 हजार हाईस्कूल व प्लसटू शिक्षक हड़ताल पर जायेंगे। रविवार को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय व महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने 25 से विद्यालयों में तालाबंदी और अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से की। सातवां पुनरीक्षित वेतनमान और सेवाशर्त समेत अन्य लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की गयी है।

गौरतलब है कि राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से ही हड़ताल पर हैं। अब हाईस्कूल व प्लसटू शिक्षकों की हड़ताल से 26 तारीख से होने वाले इंटर की कापियों के मूल्यांकन पर भी इसका व्यापक असर पड़ सकता है। अगर बात नहीं बनी तो 5 मार्च से मैट्रिक की कापियों का मूल्यांकन कार्य भी बाधित हो सकता है।

रविवार को माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में प्रेसवार्ता के दौरान महासचिन शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने घोषिणा की कि शिक्षक जनगणना, पशुगणना, मूल्यांकन समेत कोई भी सरकारी कार्य नहीं करेंगे। आरोप लगाया कि इस हड़ताल के लिए राज्य सरकार को पूरी तरह से जिम्मेवार है। मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव तक को 15 पत्र दिया गया लेकिन सरकार ने वार्ता तक की पहल नहीं की। संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने हमारे आंदोलन का 50 विधायकों ने समर्थन किया है। संघ को पत्र लिखकर समर्थन देने वालों में कई विधायक सत्ता पक्ष के भी हैं। नेताद्वय ने कहा कि वे नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के मद्देनजर सरकार द्वारा की गयी दमनात्मक कार्रवाई का भी पुरजोर विरोध करते हैं। पांडेय ने कहा कि हमारे पास हड़ताल पर जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था। 5 साल में भी शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त नहीं बना पाया।

ये हैं प्रमुख मांगें
-सातवें वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित वेतनमान क्रमश: 44900 एवं 47600 लागू किया जाय। मौजूदा विसंगतिपूर्ण वेतनमान निरस्त हो। सेवाशर्त, ऐच्छिक स्थानांतरण, सेवा की निरंतरता, भविष्य निधि, पेंशनादि, टर्म प्रमोशन, प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति, प्रोन्नति तथा ईपीएफ की सुविधा तुरंत लागू की जाय।
-माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों को पंचायती राज व्यवस्था से अलग किया जाय
-उत्क्रमित स्कूलों के लिए समान सेवाशर्त, प्रबंधन की नीति निर्धारित की जाय
-अध्धयन अवकाश को लेकर 7 वर्ष की शर्त शिथिल हो
-उत्क्रमित एवं अनुदानित हाईस्कूल व इंटर शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान एवं वेतनमान दिया जाय
-शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखा जाय