पटना: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली के नमूने आपको आए दिन देखने को मिल जाएंगे. इस मायने में सरकारी अस्पताल और उसके डॉक्टर ही नहीं, प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पताल के डॉक्टरभी कुछ कम नहीं है. ऐसे ही एक मामले में डॉक्टर की लापरवाही उस समय देखने में आई जब एक जीवित आदमी को मृत मानकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.पटना से सटे परसा बाजार के सतरईया गांव के रहने वाले सुबोध पासवान के बेटे का बर्थडे था. इसके लिए एक बड़ी पार्टी का आयोजन किया गया था तथा ऑकेस्ट्रा पार्टी को भी बुलाया गया था. पार्टी में कुछ लोग हथियार से भी लैस थे. अपनी रसूख दिखाने के लिए कुछ लोगों ने एक के बाद एक कई राउंड हवाई फायरिंग की, जिसकी गोलियां ऑकेस्ट्रा देख रहे दो लोगों अविनाश और मनोज कुमार को लगीं. गोली लगने से अविनाश की मौत अस्पताल ले जाने के समय रास्ते में हो गई जबकि मनोज घायल था.
गंभीर रूप से घायल मनोज को शंभूशिवम नाम के प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान डॉक्टर ने मनोज की मौत की भी पुष्टि कर दी. डॉक्टर की पुष्टि के बाद परसा बाजार थाने की पुलिस टीम अविनाश के साथ ही मनोज को भी पोस्टमार्टम कराने पीएमसीएच ले गई. इस बीच काफी समय बीत चुका था, लेकिन पोस्टमार्टम कराने से कुछ समय पहले ही अचानक से मनोज की सांसें चलने लगीं. यह देखकर वहां मौजूद लोग उसे आननफानन भर्ती कराने के लिए अस्पताल ले गए जहां अभी मनोज का इलाज चल रहा है.