जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा है कि 2020 में फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी। जिस तरह हमलोगों के नेता के नेतृत्व में बिहार ने शून्य से शिखर की यात्रा तय की है, उसी तरह सभी कार्यकर्ताओं को भी शिखर तक जाने के लिए स्वयं को संकल्पित करना होगा। कहा कि न केवल नेता बल्कि हमारे कार्यकर्ता भी सर्वश्रेष्ठ हैं। दल के सभी कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में नेता हैं और यह दायित्व उन्हीं के कंधों पर है कि 2020 में हमारी बड़ी जीत होगी।
आरसीपी सिंह बुधवार को राजगीर के कन्वेंशन सेंटर में जदयू के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में बोल रहे थे। पार्टी के 423 मास्टर ट्रेनर के लिए आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन आरसीपी सिंह और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने संयुक्त रूप से किया। आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू का संगठन आज बूथ स्तर पर स्थापित हो चुका है। बिहार के 72 हजार से अधिक बूथों पर हमारे बूथ अध्यक्ष और सचिव तैनात हैं। बूथ कमिटियां बन चुकी हैं। सभी विधानसभाओं में सांगठनिक सम्मेलन हो चुका है। अब हम अपने सभी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की तैयारी कर रहे हैं।
प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस शिविर में विधानपार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, प्रो. रणवीर नंदन, ललन सर्राफए, तनवीर अख्तर, राष्ट्रीय सचिव रवींद्र सिंह, प्रदेश महासचिव डॉ नवीन कुमार आर्य, अनिल कुमार, परमहंस कुमार, चंदन कुमार सिंह, कामाख्या नारायण सिंह, जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमरदीप, जदयू नेत्रियां डॉ सुहेली मेहता, डॉ भारती मेहता, डॉ रंजू गीता, अंजुम आरा, श्वेता विश्वास समेत सभी क्षेत्रीय संगठन प्रभारी, जिला संगठन प्रभारी, जिलाध्यक्ष, सभी प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष एवं सभी विधानसभा प्रभारी शामिल हुए।
नीतीश कुमार स्टेट्समैन, बिहार का किया कायाकल्प
शिविर में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि नीतीश कुमार स्टेट्समैन हैं। उन्होंने अपने 14 वर्षों के शासनकाल में बिहार का कायाकल्प किया है। उन्होंने किन विचारों पर चलकर ऐसा किया है यह सभी कार्यकर्ताओं को जानना चाहिए। कहा कि पहले बिहार से बाहर बिहारी शब्द का इस्तेमाल गाली की तरह होता था। हम बीमारू राज्य कहलाते थे। लेकिन नीतीश कुमार के करिश्माई नेतृत्व में बिहार आज कई विकसित राज्यों से आगे है। बिजली, पानी, आधी आबादी, किसान, छात्र, युवा और समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का उत्थान हो या शराबबंदी और जल-जीवन-हरियाली जैसे अभियान, बिहार आज ट्रेंड सेटर बन चुका है। मुख्यमंत्री अब बिहार को विहार बनाना चाहते हैं, जहां ऊंच-नीच, जाति-वर्ग, धर्म-संप्रदाय का भेदभाव नहीं हो। किसी के चेहरे पर उदासी नहीं हो।