मध्य प्रदेश में हुए घटनाक्रमों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा ने जब से केंद्र में सरकार बनाई है तब से हर राज्य में लोकतंत्र खत्म किया जा रहा है। भाजपा की नीति उन राज्यों को अस्थिर करने की है जहां दूसरे दलों ने सरकार बनाई है। आपको बात दें कि इस सियासी घटनाक्रम ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। पार्टी को डर है कि राज्यसभा के चुनाव में कुछ विधायक एक बार फिर पाला बदलने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में पार्टी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सभी विधायकों को साथ लेकर चलने की हिदायत दी है। ताकि, भाजपा मध्य प्रदेश में कर्नाटक नहीं दोहरा पाए।
गुलाम नबी ने कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार गिराने की कोशिशें नयी नहीं हैं, हम इसकी निंदा करते हैं, इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। राज्य सरकारों को अस्थिर करने का ‘बुखार’ तब चढ़ा है जब राज्यसभा के चुनाव होने हैं।
कांग्रेस नेता के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा राज्य सरकारों को अस्थिर कर रही है, उसने लोकतंत्र की कब्र खोदने की साजिश रची है। रणदीप सिंह सुरजेवाला बोले कि भाजपा ने मध्य प्रदेश के 14 विधायकों को ‘अगवा किया है।
कमलनाथ सरकार का संकट टला
कांग्रेस महासचिव और प्रदेश के प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि सभी विधायक वापस आ गए हैं, कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है। पार्टी का दावा है कि उसके पास बहुमत के आंकड़े से ज्यादा संख्या है। कोई पार्टी विधायक पाला बदलता है, तो कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष होने का भी लाभ मिलेगा। इसके साथ पार्टी को भाजपा के दो विधायकों का साथ मिलने की भी उम्मीद है। यह दोनों विधायक मंगलवार को हुई भाजपा की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे।
पार्टी नेता मानते हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के काम करने के अंदाज को लेकर कई विधायक नाराज हैं। राज्यसभा के लिए जल्द चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी को कम करने की पूरी कोशिश करेगी। प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीट खाली हो रही है, इनमें से दो सीट कांग्रेस और एक सीट भाजपा को मिलने की उम्मीद है। भाजपा दो सीट पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारती है, तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ जाएगीं। यह सरकार का असल इम्तिहान होगा।
गुरुग्राम के होटल में ठहरे थे आठ विधायक
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने आठ विधायकों को गुरुग्राम के एक पंचतारा होटल में ठहरा रखा था, ताकि कमलनाथ सरकार को अस्थिर किया जा सके। देर रात राज्य सरकार में मंत्री जयवर्द्धन सिंह और जीतू पटवारी होटल पहुंचे और छह विघायकों को ले आए। शुरुआत में खबर आई कि चार विधायकों को कर्नाटक भेज दिया गया है, पर बाद में सभी विधायकों से संपर्क हो गया।