बुरी तरह फंसे डोनाल्ड ट्रंप, ऐसे चकमा देकर निकले विदेश

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने देश में बुरी तरह घिरने के बाद शुक्रवार को विदेश दौरे पर निकल गए. अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की यह पहली विदेश यात्रा है. अमेरिकी मीडिया का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल की जांच कर रहे FBI प्रमुख जेम्स कोमी को हटाने और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरो व को अहम खुफिया जानकारी देने के चलते विवादों में फंसने के बाद ट्रंप जान बचाकर विदेश रवाना हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति अपने पहले विदेशी दौरे पर सऊदी अरब, इस्राइल, इटली और बेल्जियम जाएंगे.

अब सवाल यह उठ रहे हैं कि अमेरिका की सत्ता संभालने से लेकर अब तक विवादों में रहने वाले ट्रंप क्या अपनी पहली विदेश यात्रा को सफल बना पाएंगे? दिलचस्प बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले विदेशी दौरे की शुरुआत मुस्लिम देश से कर रहे हैं. वह सबसे पहले सऊदी अरब के रियाद पहुंचेंगे, जहां दुनिया के 50 मुस्लिम देशों के नेताओं को संबोधित करेंगे. व्हाइट हाउस का कहना है कि रियाद में डोनाल्ड ट्रंप इस्लामिक देशों को इस्लाम पर प्रवचन सुनाएंगे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और पद संभावने से लेकर अब मुसलमानों के खिलाफ लगातार जहर उगलने वाले ट्रंप के सामने अपनी विदेश यात्रा को सफल साबित करने की कड़ी चुनौती है. ट्रंप का हमेशा से विवादों से नाता रहा है. सीएनएन का कहना है कि ट्रंप ने विवाद के सवालों से बचने के लिए विदेश दौरे पर जाने का विकल्प चुना है. आम तौर अमेरिकी राष्ट्रपति अपने पहले विदेशी दौरे के लिए कनाडा या मैक्सिको जैसे पड़ोसी देशों का चुनाव करते हैं, लेकिन ट्रंप ने इससे हटकर यह फैसला लिया है.

स्काई न्यूज का कहना है कि ट्रंप सोचते हैं कि अगर वह विदेश यात्रा पर चले जाएंगे, तो वापस आने तक विवाद खत्म हो जाएंगे. लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है, उनको सवालों के जवाब देने ही होंगे. हाल ही में ट्रंप झुंझलाकर कहा था कि उनके साथ जैसा बर्ताव किया जा रहा है, वैसा आज तक किसी दूसरे राष्ट्रपति के साथ नहीं किया गया. ट्रंप ने अमेरिका न सिर्फ FBI प्रमुख कोमी को हटाया, बल्कि रूस से संबंध मामले की जांच के लिए विशेष काउंसल नियुक्त किया है.

इसके अलावा ट्रंप के विदेशी दौरे को लेकर यह भी सवाल अहम है कि ट्रंप को राजनयिक अनुभव नहीं है. उनको किसी तरह की कूटनीति नहीं आती है, तो वह अपने दौरे को कैसे सफल बना पाएंगे? कुल लोग उनके मध्य पूर्व के दौरे को लेकर कह रहे हैं कि ट्रंप ने पहले दौरे को आसान बनाने के लिए इन देशों का चुनाव किया.