भारतीय बौद्ध संघ का संकल्प, समाज के पिछले पंक्ति के व्यक्ति को अगली पंक्ति में लाना— भंते संघप्रिय राहुल

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– भारतीय बौद्ध संघ की राष्ट्रीय परिषद की बैठक का आयोजन

– गुजरात के एडीजीपी अनिल प्रथम ने दीप प्रज्जवलित किया

नई दिल्ली। भारतीय बौद्ध संघ की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक पं. दीनदयाल शोध संस्थान के सभागार में रविवार को आयोजित हुई, जिसमें 20 राज्यों के प्रतिनिधियों ने परिषद् की बैठक में शिरकत की। भारतीय बौद्ध संघ के संरक्षक अनिल  प्रथम (आईपीएस) एडीजीपी गुजरात ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। भारतीय बौद्ध संघ की स्थापना 14 अक्टूबर 2002 को दिल्ली में की गई थी।

        भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने उस अवसर पर कहा कि “भारतीय बौद्ध संघ” समाज के आखिरी व्यक्ति को अगली पंक्ति में लाने के लिए दृढ़ संकल्प- कृत संकल्प है।  देश के नागरिकों को संविधान प्रदत अधिकारों/कानूनों का ‘सम्यक कार्यान्वयन’ भारतीय बौद्ध संघ का परम उद्देश्य है। इस उद्देश्य की पूर्ती के लिए आप सभी को जागरूक रहना होगा।

        देश भर के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए भंते संघप्रिय राहुल ने कहा कि भारतीय बौद्ध संघ के सदस्यों का परम कर्त्तव्य यह है कि कहीं भी, किसीने भी, कभी भी, एवं कोई भी देश – समाज के किसी भी व्यक्ति के संविधान प्रदत अधिकारों का हनन करे तो उन्हें उनके साथ खड़ा होकर सामजिक समरस भाव को ध्यान में रखते हुए सहायता करने के लिए आगे रहना होगा। परिषद की बैठक में एडीजीपी गुजरात अनिल प्रथम सहित कई पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए।