मधुबनी ज़िला के संग्राम स्थित मदरसा आरफिया में दस्तार बंदी एवं इस्लाह ए मुआशरा कॉन्फ्रेंस आयोजित हुआ

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आज मधुबनी के संग्राम गांव स्थित मदरसा आरफिया में एक बहुत बड़े इजलास (सम्मेलन)का आयोजन किया गया जिसकी अदय्क्षता जनरल सेक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के हजरत मौलाना वली रहमानी साहब ने की । जिस में शामिल होने के लिए पूरे जिले से हज़ारों का जनसैलाब उमड़ पड़ा ,जो अपने आप में एक अदभुत दृश्य था ,देश के कोने कोने से आये इस्लामिक विद्ववानों ने अपने परवचन से पूरी रात समा बंधा मौलाना वाली साहब दो घण्टे की अपनी तकरीर में मुस्लमानों के आखरी दूत नबी हज़रत मोहम्मद साहब की आइडियल जीवन का व्यख्या करते हुए कहा कि आज के मुसलमान अपने नबी के फरमान को भूल बैठा है । शादी विवाह में दहेज़ जैसे घिनौने कार्य में शामिल होरहे हैं वह निंदनीय हैं । लोग दहेज़ जैसे बीमारी में इस तरह से घिर चुके हैं अपने बेटे को ऐसे बेच रहे जैसे की बाज़ार का कोई चीज़ हो । फिर उस के बाद तलाक के विषय पे बोलते हुए कहा कि तलाक जैसे शब्द को मुसलमान अपने मुंह से निकालने से पहले एक बार अवश्य सोचे की उसकी मां,बहन, भी किसी के घर में हैं अगर यही घटना उसके किसी अपने के साथ घटे तो कैसा महसूस होगा। उन्हों ने शिक्षा पे जोर देते हुए कहा कि शिक्षा मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है शिक्षा एक ऐसी चीज़ है जो इंसान को इंसान बनादेता है । आखिर में दर्शकों से हाथ उठवाकर वचन लिया की दहेज़ जैसे रोग को अपने नज़दीक नहीं आने देंगे और तलाक का शब्द भी कोई प्रयोग नहीं करेगा !

मुलमानों का व्योहार ही उसकी पहचान होनी चाहिए चाहे वह किसी भी धर्म के लोगों से मिले । मदरसा के अध्यापक मौलाना अनवर क़ासमी ने संग्राम की इतिहासिक धरती का परिचय करवाया और आखिर में अध्यक्ष महोदय मौलाना वली रहमानी ने सामाजिक सुधार पे बहुत ही अच्छी और कारआमद बातें बतायी साथ ही हिन्दू मुस्लिम एकता पर जोर दिया और वही आखरी वक्ता रहे ।
आयोजन कर्ताओं का धन्येवाद के साथ अध्यक्ष महोदय की दुआ के साथ प्रातः चार बजे जलसा संपन्न हुवा