मसौढ़ी में गैंगरेप के बाद पीड़िता की हुई हत्या के मामले में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आयी है। घटना के बाद दो दिन छात्रा का शव पड़ा रहा। गुरुवार की देर शाम एसएसपी ऑफिस पर परिजनों द्वारा हंगामा शुरू करने पर आनन-फानन में शव का पोस्टमार्टम किया गया। इसको लेकर छात्रा के पिता ने पुलिसिया कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जतायी है। पिता का कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय जांच करायी जाए, ताकि घटना में शामिल आरोपितों के साथ ही इस मामले में हद दर्जे की लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को भी सजा मिल सके।
सिर्फ चचेरे भाई को दोषी मान रही पुलिस
पुलिस द्वारा की जा रही दुष्कर्म सह हत्याकांड की जांच ने दूसरे दिन यू टर्न ले लिया। पुलिस अपने अनुसंधान में दुष्कर्म सह हत्याकांड में मात्र पकड़े गए चचेरे भाई को ही आरोपित मान रही है। गुरुवार को पुलिस ने उसका ही मेडिकल कराया। इसपर पीड़िता के पिता ने कड़ी नाराजगी जतायी है। पिता का आरोप है कि पुलिस घटना में शामिल रहे तीन अन्य आरोपितों को बचाने का प्रयास करते हुए मामले को हल्का करना चाह रही है।
देर तक लड़ी छात्रा
पुलिस की मानें तो दरिंदगी के दौरान छात्रा आरोपित से देर तक जूझी, लेकिन घटनास्थल के पास रखे ईंट से आरोपित ने उसके सिर पर कई वार किये और नाखून से भी हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई। एफएसएल की जांच में आरोपित के नाखून में ब्लड जमा होना पाया गया है।
नहीं आ सकी रिपोर्ट
पिता का यह भी कहना है कि इस संगीन मामले में घटना के बाद से ही पुलिस द्वारा हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है। यही वजह है कि दूसरे दिन भी मेडिकल रिपोर्ट नहीं आ सकी।
घटना पर एक नजर
बीते बुधवार को छात्रा का शव मिलने के बाद पटना से डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीम बुलाई गई थी। उस वक्त पुलिस ने तीनों आरोपितों के घरों से कपड़ा, जूता समेत अन्य सामान जब्त किये थे। पुलिस ने संदेह के आधार पर कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इस बाबत मसौढ़ी के थानाध्यक्ष रंजीत रजक ने बताया कि पूछताछ में मृतका के चचेरे भाई द्वारा अकेले घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की गई है।
मेडिकल बोर्ड गठित होने के बाद गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम किया गया। एफएसएल जांच में पकड़े गए आरोपित के खिलाफ कई अहम साक्ष्य मिले हैं। प्रारंभिक जांच में उसके द्वारा अकेले ही घटना को अंजाम देने की बात सामने आयी है।