बरवानी:
देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचाव के चलते लॉकडाउन (Lockdown News) लगाया गया है. 4 मई से इसका तीसरा चरण शुरू होगा, जोकि दो हफ्ते का है. इस दौरान आपने प्रवासी मजदूरों के साइकिल या पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफर तय कर घर लौटने के कई किस्से सुने होंगे लेकिन बीते दिन मध्य प्रदेश के बरवानी में घर लौटने की चाह रखने वाले एक ऐसे ही मजदूर की मौत हो गई. मृतक का नाम तबरक अंसारी था. वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और महाराष्ट्र के भिवंडी में नौकरी करता था. दो दिन पहले उसने महाराष्ट्र से 10 और मजदूरों के साथ साइकिल से घर लौटने का फैसला किया था.
उसके समूह के रमेश कुमार गोंड बताते हैं कि भिवंडी में पॉवर-लूम यूनिट में सभी की नौकरी चली गई. उनके पास घर लौटने के सिवा कोई रास्ता नहीं था. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास न पैसे थे और न ही खाना था, तो हमने तय किया कि हम साइकिल से महाराजगंज (उत्तर प्रदेश) जाएंगे. जब हम 350 किलोमीटर चल चुके थे तो तबरक की तबीयत बिगड़ गई.’
पुलिस का कहना है कि ज्यादा थकान, डिहाइड्रेशन और हीट-स्ट्रोक मौत का कारण हो सकता है. मौत की असल वजह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही साफ हो पाएगी. बता दें कि पिछले कुछ दिनों में इस तरह के दो मामले सामने आए हैं. मध्य प्रदेश का बरवानी महाराष्ट्र के बॉर्डर से सटा हुआ है.
21 अप्रैल को वकील नामक शख्स उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती स्थित अपने घर जाने को पैदल ही निकला था. बॉर्डर पार करते ही उसकी मौत हो गई. 28 अप्रैल को 45 वर्षीय बलीराम की भी बॉर्डर पार करते ही मौत हो गई. वह अस्थमा के मरीज थे और बरवानी के ही रहने वाले थे.
बीते बुधवार बरवानी में करीब एक हजार मजदूरों ने प्रशासन द्वारा रोके जाने के बाद हाई-वे ब्लॉक कर दिया था. केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में बीते दिन एक स्पेशल ट्रेन से करीब 1200 मजदूरों को तेलंगाना से झारखंड ले जाया गया.