अण्णा की मांगे मानी गईं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुड़वाया अनशन

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नई दिल्ली: किसानों को फसल के बेहतर दाम और सशक्त लोकपाल के मुद्दे पर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन कर रहे समाजसेवी अण्णा हजारे ने अपना अनशन तोड़ दिया है. अण्णा के मंच से गुरुवार शाम एलान किया गया कि उनकी मांगे मान ली गईं हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रामलीला मैदान पहुंचकर अण्णा का अनशन तु़ड़वाया. इससे पहले केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने अण्णा के मंच पर पहुंचकर पीएमओ की चिट्ठी पढ़ीं. अण्णा के अनशन का आज सातवां दिन था.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि लागत मूल्य स्वतंत्र हो इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि लागत पर 50 % मूल्य मुनाफा किसान को दिया जाएगा. गौरतलब है कि अण्णा हजारे 23 मार्च से सशक्त लोकपाल और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर रामलीला मैदान पर अनशन पर बैठे थे.

अण्णा हजारे ने कहा कि वह सरकार को आश्वासनों को पूरा करने के लिए अगस्त तक छह माह का वक्त दे रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो सितंबर में उनका अनशन पुन: शुरू होगा. अण्णा ने कहा, ‘उन्होंने( सरकार) हमें आश्वासन दिया है कि जितनी जल्दी हो सकेगा वे नियुक्तियां कर देंगे. मैं अगस्त तक देखूंगा और सितंबर में अनशन दोबारा शुरू करूंगा. यह निर्धारित समय में होना चाहिए. हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इसमें छह माह भी नहीं लगेगा. हम देखते हैं.’

 उन्होंने कहा, ‘सरकार और जनता अलग नहीं होती. सरकार का काम है जनता की भलाई, देश की भलाई. ऐसे आंदोलन की नौबत नहीं आनी चाहिए.’ इस बीच एक व्यक्ति ने शर्मनाक हरकत करते हुए स्टेज की ओर जूता फेंका जहां अण्णा, फडणवीस और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत बैठे हुए थे. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि व्यक्ति के निशाने पर कौन था. पुलिस ने व्यक्ति को पकड़ लिया है. अण्णा के सहयोगी दत्ता आवारी ने दावा किया है कि इस अनशन में अण्णा का पांच किलोग्राम वजन कम हो गया है.