मात्र 16 लाख रुपये के लिए मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन प्रोजेक्ट का काम अटका

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मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन की जमीन अधिग्रहण का मामला मात्र 16 लाख रुपये के चलते बाधित हो गया है। राशि नहीं मिलने से दावा-आपत्ति का निबटारा नहीं हो पा रहा है। समयसीमा के अंदर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद नहीं है।

मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन का निर्माण सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है। भागलपुर और आसपास के क्षेत्र से जाम से निजात के लिए सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है। इसमें फोरलेन का निर्माण कार्य जल्द पूरा करना भी शामिल है। जमीन अधिग्रहण के लिए निरीक्षण का काम पूरा हो चुका है। मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन के लिए जिले के छह प्रखंडों की जमीन का अधिग्रहण होना है। दो हजार दावा-आपत्ति कार्यालय को प्राप्त हुआ है। इसके अलावा करीब 10 हजार दस्तावेज निबंधन कार्यालय से मंगवाया गया है। दस्तावेज के आधार पर जमीन की रेट का निर्धारण करना है। मामला रैयतों के दावा-आपत्ति में फंस गया है।

पीरपैंती प्रखंड के दावा-आपत्ति की जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कहलगांव प्रखंड में जांच का काम चल रहा है। दावा-आपत्ति का निबटारा करने के लिए अमीन और कार्यपालक सहायक की जरूरत है। भू-अर्जन कार्यालय ने चार अमीन और चार कार्यपालक सहायक के लिए एनएचएआई से 16 लाख रुपये आवंटन की मांग की थी। आवंटन की प्रत्याशा में एक अमीन और दो कार्यपालक सहायक रखकर काम चलाया जा रहा था। आवंटन नहीं मिलने पर कार्यपालक सहायक चले गये।

प्रभारी जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सह एडीएम (विभागीय जांच) मनोज कुमार ने बताया कि आवंटन नहीं मिलने से दावा-आपत्ति की जांच का काम बाधित हो गया। आवंटन के लिए कई बार एनएचएआई को पत्र और रिमाइंडर भेजा गया। लेकिन राशि नहीं मिल रही है। दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय को भी पत्र भेजकर राशि की मांग की गयी है। डीएम से भी राशि उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है। मानदेय का भुगतान नहीं करने पर कोई काम करने को तैयार नहीं है। इसका असर जमीन अधिग्रहण पर पड़ रहा है।

फोरलेन : एक नजर
फोरलेन की लंबाई-120 किमी, चौड़ाई-20 मीटर
भागलपुर जिले में 95 किमी और मुंगेर में 25 किमी सड़क होगी
92 मौजा की जमीन का होगा अधिग्रहण
भागलपुर के छह प्रखंडों से होकर गुजरेगी सड़क
1321 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण