11 जुलाई 2018, लखनऊ : श्री अज़ीज़ कुरैशी, पूर्व राज्यपाल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व मिज़ोरम ने लखनऊ में अमीक जामेई के लखनऊ निवास पर मीडिया को मोबलिंचिंग, फर्जी एनकाउंटर व विपक्ष के महागठबंधन पर प्रेस वार्ता की, श्री कुरैशी ने बताया की हापुड़ की दर्दनाक दो मुसलमानों की मोब द्वारा लिंचिंग की खबर सुनकर स्थानीय लोगो के निवेदन पर उत्तर प्रदेश के हापुड़ के पिलखुवा पहुचा, उन्होंने बताया की वहा चारो तरफ खौफ, दहशत का माहौल था, पुलिस और प्रशासन पर उनका यकीन और भरोसा पूरी तरह टूट चूका था और ऐसा लगता था जैसे यह लोग मौत के साये में जी रहे हो, गौरतलब रहे की श्री कुरैशी पिलखुवा विजिट करने वाले पहले नेता है!
“श्री अज़ीज़ कुरैशी, पूर्व राज्यपाल ने हापुर मामले के पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख का मुवावजा देने और उनके कासिम और समीउद्दीन के परिवारों को रोज़गार देने की बात कही”
श्री कुरैशी ने बताया की भीड़ द्वारा हत्या किये गए कासिम और समीउद्दीन पीड़ित के निवास पर परिवार ने आप बीती सुनाई, उन्होंने कहा की अफवाह की बुनियाद पर ज़बरदस्ती जान बूझ कर साजिश की बुनियाद पर एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या और समीउद्दीन को भीड़ के द्वारा पुलिस की मौजूदगी में लहुलुहान कर दिया गया, पीड़ित परिवार ने बताया की पुलिस ने आरोपियों खिलाफ हल्का केस बनाया जिससे आरोपी जल्द छूट जाए जबकि यह सीधे सीधे हत्या से जुडा मामला है!
श्री अज़ीज़ कुरैशी, पूर्व राज्यपाल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व मिज़ोरम ने लखनऊ में मीडिया को संबोधन में कहा की हापुर में मोबलिंचिंग के लिए मौजूदा सत्ताधारी और उनके कुछ विशेष नेता की मिलीभगत में यह हत्या हुयी है जिसने पुरे देश में नफ़रत व अविश्वास का एक भयंकर माहौल बना दिया है और इंसानियत को तकसीम कर दिया है, श्री अज़ीज़ कुरैशी ने कहा की पुलिस और प्रशासन की जान बूझकर ख़ामोशी वास्तविक रूप में नापाक हरकत को सहायता करती है!
श्री अज़ीज़ कुरैशी, पूर्व राज्यपाल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व मिज़ोरम ने लखनऊ मुख्यमंत्री योदी आदित्यनाथ को कहा की मुख्यमंत्री खोखले दावे, दुबारा फीते काटने से बाज़ आये और सख्ती के साथ कातिल आरोपियों से निबटे और पीड़ित परिवार को न्याय दे, श्री अज़ीज़ कुरैशी, पूर्व राज्यपाल ने हापुर मामले के पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख का मुवावजा देने और उनके कासिम और समीउद्दीन के परिवारों को रोज़गार देने की बात कही!
“मुसलमानों में मामले में उन्होंने कहा की मुसलमान जो कोंग्रेस के पारंपरिक समर्थक वोट था वोह आज अपना विश्वास कोंग्रेस में खोता जा रहा है और राहुल गाँधी के नाम पर काम करने वाले लैपटॉप फेसबुक के एक्सपर्ट या चाटुकार युवा जिन्हें ज़मीन या आन्दोलन से कोई लेना देना नहीं वोह लोग उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी मुसलमानों को हाशिये पर धकेलने व मुस्लिम लीडरशिप को कुचलने का काम कर रहे है”
कोंग्रेस के दिग्गजों में रहे अज़ीज़ कुरैशी जो इंदिरा गाँधी के करीबी और विश्वासपात्र रहे उन्होंने राष्ट्रिय राजनीति पर कोंग्रेस की उत्तर प्रदेश में गिरती साख पर बात करते कहा की आठ दिवसीय दिल्ली से वाया रोड नॉएडा, ग़ाज़ियाबाद, मोदी नगर, मुरादनगर, मेरठ, हापुड़ आगरा प्रवास के दौरान लखनऊ पहुचते कोंग्रेस के हजारो कार्यकर्ता मिलने आये जिनमे कोंग्रेस को लेकर मायूसी दिखी, उन्होंने कहा की राहुल गाँधी जी की अनथक मेहनत और कड़े परिश्रम के बावजूद भी प्रदेश कोंग्रेस के नेत्रित्व उनसे कुछ नहीं सीख रहा, राहुल गाँधी की मेहनत और खून का पसीना बहाना बेकार जा रहा है ऐसा लगता है किसी साजिश के तहत राहुल गाँधी को धोखे में रखा जा रेहा है जिस के तह में जाना राहुल गांधी के लिए अत्यंत आवश्यक है!
कोंग्रेस के दिग्गज रहे श्री कुरैशी ने कहा की कोंग्रेस को सामाजिक न्याय की विचारधारा धारा पर वापस आना होगा, मुसलमानों में मामले में उन्होंने कहा की मुसलमान जो कोंग्रेस के पारंपरिक समर्थक वोट था वोह आज अपना विश्वास कोंग्रेस में खोता जा रहा है और राहुल गाँधी के नाम पर काम करने वाले लैपटॉप फेसबुक के एक्सपर्ट या चाटुकार युवा जिन्हें ज़मीन या आन्दोलन से कोई लेना देना नहीं वोह लोग उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी मुसलमानों को हाशिये पर धकेलने व मुस्लिम लीडरशिप को कुचलने का काम कर रहे है और ऐसा लगता है की की जानबूझ का मुस्लिम समाज को कोंग्रेस से दूर किये जा रहा है, राहुल गाँधी जी को उपरोक्त मामले में सचेत होकर इसकी पर कड़ी नज़र बनाये रखने की ज़रूरत है, और तुरंत उसे दुरुस्त करने की कार्यवाही करने का समय है!
“कोंग्रेस “डाइवर्सिटी” को अपनाते हुए देश की दलित पिछड़े मुसलमानों को विधानसभा/लोक सभा /कोंग्रेस संगठन में ब्लोक इकाई से लेकर राष्ट्रिय नेत्रित्व तक उनके प्रतिनिधित्व को ईमादारी से लागू किया जाये”
आगे की कोंग्रेस की रणनीति कैसी हो इसपर श्री कुरैशी ने चेताया की अब समय है की कोंग्रेस “डाइवर्सिटी” को अपनाते हुए देश की दलित पिछड़े मुसलमानों को विधानसभा/लोक सभा /कोंग्रेस संगठन में ब्लोक इकाई से लेकर राष्ट्रिय नेत्रित्व तक उनके प्रतिनिधित्व को ईमादारी से लागू किया जाये!
उन्होंने आगे कहा की यह देखा जा रहा है की कमज़ोर वर्गों में निराशा है की उनके अधिकार पर स्वर्ण नेत्रित्व काबिज़ है और उनको संख्याबल के अधकार पर नेत्रित्व नहीं दिया जा रहा है, आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक स्तर अपर इन वर्गों का आजतक शोषण हो रहा है, शिक्षा के छेत्र भी पूंजीपति के हाथ में गिरवी रखा जा रहा है और अभी हाल में केंद्र सरकार के एचआरडी मंत्री ने जिन 6 संस्थानों को “इन्सटीट्यूट ऑफ एक्सीलेंस” घोषित किया है उसमे मुकेश अम्बानी के संसथान जिओ को शामिल करना बताता है की सरकार धन्नासेठो के हाथ में खेल रही है!
यह संविधान और कानून के लिए दुखद दिन है जब राज्य के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ खुल कर एनकाउंटर के पक्ष में बयान दे और पुलिस को “लायसेंस टू किल” का आदेश दे, और पुलिस युवाओ को इनामी घोषित कर सीने पर गोलियों से भून कर संविधान व कानून का मज़ाक बनाये, उन्होने कहा की पुलिस का काम है की वोह क्रिमनल्स के खिलाफ सबूत जुटाए गिरफ्तारी कर अदालत में पेश करे और अदालत सज़ा दे, न की राज्य सरकार की शह पर प्रदेश में दलित पिछड़े मुसलमानों को एनकाउंटर में निबटाने के लिए पुलिस राजनीतिक मुहरा बने!
श्री अज़ीज़ कुरैशी, पूर्व राज्यपाल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व मिज़ोरम ने लखनऊ में मीडिया को अत्यंत महत्वपूर्ण विषय को प्रेस मीट में शामिल करते हुए कहा की उत्तर प्रदेश में होने वाले हजारो पुलिस द्वारा एनकाउंटर के बारे में एनएचआरसी के बाद सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान लेना बहुत ही एतिहासिक क़दम है, श्री कुरैशी ने कहा अंधाधुन्द मौते एनकाउंटर सरकार की नाकामी असफलता बरबरियत और खुनी खेल की तरफ इशारा करती है जबकि ऐसा करते हुए क्राइम कम नहीं हुए, यह संविधान और कानून के लिए दुखद दिन है जब राज्य के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ खुल कर एनकाउंटर के पक्ष में बयान दे और पुलिस को “लायसेंस टू किल” का आदेश दे, और पुलिस युवाओ को इनामी घोषित कर सीने पर गोलियों से भून कर संविधान व कानून का मज़ाक बनाये, उन्होने कहा की पुलिस का काम है की वोह क्रिमनल्स के खिलाफ सबूत जुटाए गिरफ्तारी कर अदालत में पेश करे और अदालत सज़ा दे, न की राज्य सरकार की शह पर प्रदेश में दलित पिछड़े मुसलमानों को एनकाउंटर में निबटाने के लिए पुलिस राजनीतिक मुहरा बने!
“राहुल गाँधी के लिए सभी दल एक न हो पाए तो मेरी इक्षा है और विपक्षी दलों से कहूँगा की ऐसा क्यों न हो की प्रधानमन्त्री की कुर्सी के लिए हम देश में सामाजिक न्याय की मिसाल पेश करते हुए बसपा की सुप्रीमो व एक दलित की बेटी मायावती को देश अगला प्रधानमन्त्री चुने”
2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के महागठबंधन पर बात करते हुए श्री अज़ीज़ कुरैशी, पूर्व राज्यपाल उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व मिज़ोरम ने लखनऊ में मीडिया को कहा की मै पहला आदमी था जिसने लखनऊ में यह मांग की थी की देश में भाजपा के खिलाफ एक महागठबंधन बनाया जाये, जिसमे बसपा प्रमुख मायावती व अखिलेश यादव के साथ दुसरे क्षेत्रीय दल शामिल हो और जिसका नेत्रित्व सोनिया गाँधी करे, आज की वर्तमान परिस्थितियों में ऐसे महागठबंधन की आवश्यकता और बढ़ गयी है लेकिन यहाँ कोंग्रेस को उदार होकर अन्य राज्यों में छोटे छोटे दलों को अपने साथ शामिल करे!
श्री अज़ीज़ कुरैशी ने कहा की आने वाले लोकसभा चुनाव में सबको मिलकर उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव का नेत्रित्व मायावती जी को सौपना चाहिए जो अखिलेश यादव के सहयोग और मुलायम सिंह की संरक्षण में यहाँ चुनाव लड़े जाये, अखिल भारतीय स्तर पर इस महागठबंधन के नेत्रित्व सोनिया गाँधी को सौपना चाहिए जो प्रधान मंत्री की कुर्सी के लिए खतरा नहीं है, श्री अज़ीज़ कुरैशी ने कहा की विपक्ष के अगले प्रधानमन्त्री के रूप में अगर राहुल गाँधी के लिए सभी दल एक न हो पाए तो मेरी इक्षा है और विपक्षी दलों से कहूँगा की ऐसा क्यों न हो की प्रधानमन्त्री की कुर्सी के लिए हम देश में सामाजिक न्याय की मिसाल पेश करते हुए बसपा की सुप्रीमो व एक दलित की बेटी मायावती को देश अगला प्रधानमन्त्री चुने!