समस्तीपुर/ रोसड़ा : आज गांधी जयंती के अवसर पर पूरे देश में लोगों ने साफ—सफाई के कामों में हाथ बंटाया. बिहार में तो इस अवसर पर दहेज न लेने और न देने का संकल्प लिया गया. इस मौके पर बाल विवाह को रोकने की भी शपथ दिलायी गई. लेकिन कुछ जगह लोग अपनी मर्जी के मालिक होते हैं. उन्हें न तो ऐसे किसी अभियान से मतलब होता है और न ही किसी सामाजिक सरोकार से जुड़े किसी कार्यक्रम से ही. पीएम हों या सीएम, इन्हें किसी सपनों से कोई वास्ता नहीं रहता.
रोसड़ा से सटे थतिया राजकीय मध्य विद्यालय में महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर न तो साफ़-सफाई से जुड़ा कोई कार्यक्रम हुआ और न ही कुछ और. अलबत्ता ग्राम सभा से जुड़े लोगों ने यहां जरूर साफ—सफाई का अभियान चलाया. स्कूल में न केवल राज्यादेश की धज्जियां उड़ायी गयीं बल्कि केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत -स्वस्थ भारत की भी पुंगी बजा दी. आज पूरा देश जहां स्वच्छता अभियान में जोर-शोर से लगा हुआ था वहीं इस स्कूल में कार्यरत सभी लोग कुर्सियों पर जमे रहे.
पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक महेश कुमार का जवाब हैरान कर देने वाला था. उन्होंने कहा कि हमलोग शिक्षक हैं. हमलोग का काम है शिक्षा देना. बच्चो को यहां पढ़ाना हमलोगों का काम है. इसके अलावा किसी चीज से कोई मतलब नहीं है. साफ़-सफाई करने का काम हमलोगों का नहीं है. चाहे कोई भी दिन हो इससे हमें कोई मतलब नहीं है.