उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले डॉ. एसआर अरोड़ा के बेटे डॉ. सौरभ अरोड़ा का पार्थिव शरीर, निधन के ढाई माह बाद अमेरिका से मेरठ स्थित घर लाया गया तो परिवार में कोहराम मच गया। डॉ. सौरभ का अमेरिका में 14 मार्च को हार्टअटैक से निधन हो गया था। तभी से उनका पार्थिव शरीर अमेरिका में फ्रीजर में रखा गया था। पांच जून को उनका पार्थिव शरीर घर लाया गया तो परिवार, रिश्तेदार और कॉलोनी के लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर पहुंचे। दस लोगों ने ब्रजघाट पर उनका अंतिम संस्कार किया।
एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एसआर अरोड़ा शास्त्रीनगर के ई-ब्लॉक में रहते हैं। उनके बेटे डॉ. सौरभ अरोड़ा अमेरिका में मेडिकल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। 45 वर्षीय डॉ सौरभ का 14 मार्च को हार्ट अटैक से अमेरिका में निधन हो गया था। लॉकडाउन के चलते पार्थिव शरीर को भारत लाना मुश्किल था। लेकिन परिवार की इच्छा था कि बेटे का पार्थिव शरीर मेरठ घर पर लाया जाए। इसके बाद शव को 45 दिनों तक अमेरिका में फ्रीजर में रखा गया।
लॉकडाउन खुला तो पार्थिव शरीर को अमेरिका से प्लेन द्वारा भारत लाया गया। पांच जून को पार्थिव शरीर मेरठ में शास्त्रीनगर ई-ब्लॉक आवास पर पहुंचा। बुजुर्ग माता-पिता ने बेटे के अंतिम दर्शन किए। इसके बाद चंद लोग शव को लेकर ब्रजघाट पहुंचे और अंतिम संस्कार किया। इस खबर से मेडिकल कॉलेज समेत चिकित्सकों में शोक व्याप्त है। डॉ. एसआर अरोड़ा ने शहर के अधिकांश डाक्टरों को पढ़ाया है।