मोदी मंत्रिमंडल में इस बार हो सकते हैं कई चौंकाने वाले नाम, रविवार की सुबह 10 बजे होगा शपथ ग्रहण

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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में रविवार को फेरबदल होने जा रहा है. माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल में कुछ ऐसे नाम भी हो सकते हैं जो चौंकाने वाले हो सकते हैं. इसके साथ ही वित्त मंत्रालय के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय संभालने वाले अरुण जेटली के पास ही दोनों जिम्मेदारियां बनाई रखी जा सकती हैं. इसके पीछे वजह यह बताई जा ही है कि पीएम मोदी का मानना है कि रक्षा के क्षेत्र में जेटली ने कुछ बड़े फैसले किए हैं जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए उनका इस पद पर बने रहना जरूरी है. इसके साथ ही कानून मंत्रालय और दूरसंचार और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे रविशंकर प्रसाद के पास से कोई एक जिम्मेदारी ली जा सकती है. वहीं सुरेश प्रभु अब रेल मंत्री नहीं होंगे हालांकि उनकी जगह कौन होगा यह भी अभी तय नहीं किया गया है. इस विभाग के लिए अभी नितिन गडकरी का नाम सबसे ऊपर चल रहा है उनके पास पहले से ही भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्रालय है. बीजेपी के साथ जेडीयू को भी इस विस्तार में जगह मिलेगी. बताया जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू के दो नेताओं को भी मंत्रीपद दिया जाएगा.

गौरतलब है कि फेरबदल से पहले बीजेपी के कोटे से कुछ मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं. इन नेताओं को पार्टी कार्यों में लगाए जाने की बात कही जा रही है. हालांकि इस्तीफे के पीछे कुछ और वजह बताई जा रही है. सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों के प्रदर्शन के हिसाब से आंकलन किया गया है. इस बार काम के आधार पर सकारात्मक या नकारात्मक श्रेणियां बनाई गईं.

इस बार रैंकिंग नहीं दी गई. मंत्रियों के काम के आधार पर उनका काम सकारात्मक या नकारात्मक कहा गया. आकलन एक्सेल शीट पर तैयार हुआ. फेरबदल इसी आधार पर किया जा रहा है. आकलन पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को दिया गया.

किस आधार पर लिया गया मंत्रियों से इस्तीफा
उमा भारती का स्वास्थ्य कारणों से हटना आधिकारिक कारण बताया गया है. जबकि नमामि गंगे की प्रगति संतोषजनक न होना भी एक कारण है. उन्हें बुंदेलखंड में पार्टी संगठन को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी मिल सकती है. कलराज मिश्र 75 साल से अधिक उम्र के हो गए हैं और मंत्रालय में संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. नोटबंदी के बाद लघु और मंझौले उद्योगों को समस्या हुई है. वहीं, संजीव बालियान का कार्यशैली संतोषजनक नहीं रहा है. उन्हें संगठन में बड़ी ज़िम्मेदारी मिल सकती है. फग्गन सिंह कुलस्ते को मप्र चुनावों के मद्देनज़र प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं, महेंद्र नाथ पांडे के यूपी बीजेपी अध्यक्ष बन गए है और एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत है. राजीव प्रताप रुडी के मंत्रालय का काम संतोषजनक नहीं रहा है. नए मंत्रालय में अधिक उपलब्धि नहीं मिली. पीएम चाहते थे कौशल विकास में बड़ी उपलब्धि हासिल हो. उन्हें भी संगठन में बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है.