देश भर में 28 जून को मनाई जाती है भामाशाह जयंती
27 जून, 2017, नई दिल्ली. उत्तर भारत में 28 जून को भामाशाह जयंती मनाई जाती है। इसी मौके पर प्रसिद्ध संगीतकार राज महाजन ने भामाशाह जयंती की शुभकामनाएँ देते हुये रहस्योद्घाटन किया वो और उनका परिवार भामाशाह जी के वंशज हैं। गत वर्ष संगीतकार राज महाजन ने एक म्यूजिक विडियो ‘भामा-गाथा’ बनाया था जिसमे भामाशाह और उनके हल्दीघाटी के युद्ध में योगदान के बारे में बताया था। इस म्यूजिक विडियो के लिए उनको वैश्य समाज की कुछ संस्थाओं ने सम्मानित भी किया था।
भामा-गाथा म्यूजिक विडियो में महान दानी और राष्ट्रभक्त भामाशाह के बारे में बताया गया है. जब महाराणा प्रताप सिंह हल्दीघाटी का युद्ध मुगलों से हारने के बाद जंगलों में रहने लगे थे और घास की रोटी बनाकर खाने को मजबूर थे. तब, पिता भारमल के पुत्र भामाशाह ने राष्ट्रहित के लिए महाराणा प्रताप को अपना सब-कुछ दान कर दिया. वो इतनी बड़ी धनराशी थी जो महाराणा प्रताप के लड़ाकों के लिए 12 वर्ष पालन के लिए पर्याप्त थी. साथ ही, राष्ट्रभक्त भामाशाह ने अपने 2 बेटों का भी बलिदान भी इस युद्ध में दे दिया था.दानवीर भामाशाह ने महाराणा प्रताप के साथ युद्ध में पूरा साथ दिया. और फिर महाराणा ने युद्ध विजय करने के के बाद मेवाढ़ का बहुत बड़ा हिस्सा वापिस पाया.
‘भामा-गाथा’ का कांसेप्ट, डायरेक्शन, निर्माण, गीत और संगीत राज महाजन ने स्वयं किया है और गाया है गायक नितेश शर्मा ने. साथ ही इस गाने में एक्टिंग में हैं खुद राज महाजन. {मोक्ष म्यूजिक के संगीतकार राज महाजन इस म्यूजिक विडियो में फिर एक बार नए लुक में नज़र आ रहे हैं.
निर्माता-निर्देशक राज महाजन ने बताया, “अधिकतर लोग महाराणा प्रताप और हल्दीघाटी के युद्ध के बारे में तो जानते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि महाराणा प्रताप के जीतने का कारण देशभक्त भामाशाह थे, जिन्होंने राष्ट्रहित की खातिर अपना सब-कुछ महाराणा प्रताप सिंह को अर्पण कर दिया था और लड़ाई में महाराणा के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर साथ निभाया था. गीत-संगीत एक अच्छा माध्यम है सन्देश देने का. इसलिए मैं ‘भामा-गाथा’ के माध्यम से जनता को भामाशाह जैसे दानवीर महापुरुष के त्याग के बारे में बताना चाहता हूँ.”