यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार दे रही विपक्षी दलों को झटके

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नई दिल्ली: यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी सरकार के गठन के बाद विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं. इन पार्टियों के नेताओं का अपने-अपने दलों से मोहभग हो रहा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के हाल ही में यूपी के दौरे पर पहुंचने से पहले एक एमलसी ने बीएसपी का दामन छोड़ दिया. इसके साथ ही एक सप्ताह के अंदर सपा के तीन एमएलसी पार्टी को गुडबाय कहकर बीजेपी में शामिल हो गए. संभव है कि आने वाले दिनों में इन दलों के और कई नेता बीजेपी का दामन थाम लें.

यूपी में हालांकि योगी सरकार के सत्ता में आने के साथ ही जिला स्तर पर नेताओं, कार्यकर्ताओं का सपा और बीएसपी से बीजेपी में जाने का सिलसिला शुरू हो गया था. लेकिन 29 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ पहुंचने से चंद घंटों पहले सपा और बसपा को एक बड़ा झटका लगा. सपा के एमएलसी और प्रवक्ता बुक्कल नवाब समेत तीन एमएलसी ने विधान परिषद के सभापति रमेश यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए इसकी 22 साल से सदस्य रहीं एमएलसी सरोजनी अग्रवाल बीजेपी में शामिल हो गईं. उनसे पहले सपा के दो एमएलसी बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह ने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था और 31 जुलाई को बीजेपी में शामिल हो गए थे. तीनों एमएलसी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए हैं.

उधर बीएसपी को एमएलसी ठाकुर जयवीर ने झटका दिया. उन्होंने विधानपरिषद से इस्तीफा दे दिया है. पहले बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश विधान सभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था. इसके थोड़े दिन बाद ही पार्टी के दूसरे राष्ट्रीय महासचिव आरके चौधरी ने पार्टी छोड़ दी थी.

यूपी की योगी सरकार में पांच ऐसे मंत्री हैं जो विधानसभा के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. समझा जाता है कि बीजेपी इन विधानपार्षदों के इस्तीफ़े से खाली हुई सीटों से उन्हें विधान परिषद भेजेगी.