कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा एवं आरएसएस पर अपने हमले को तेज करते हुए कहा है कि लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं का समर्थन इसलिए करते हैं क्योंकि वे नौकरी नहीं होने को लेकर गुस्से में हैं.
भारतीय पत्रकारों के संघ से बातचीत करते हुए गांधी ने कहा कि समस्या के समाधान की बजाय ये नेता उस गुस्से को भुनाते हैं और देश को नुकसान पहुंचाते हैं. शनिवार को राहुल ने कहा था कि भारत में बेरोजगारी का संकट बड़ा है और भारत सरकार इसे स्वीकार नहीं करना चाहती. यहां प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एक संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि चीन एक दिन में 50,000 नौकरियों का सृजन करता है जबकि भारत में एक दिन में केवल 450 नौकरियां ही पैदा होती है. यह एक आपदा है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं अर्थव्यवस्था, समाजशास्त्र और राजनीति को अलग-अलग नहीं देखता. ये सब एक प्रक्रिया है जो एक साथ काम करती है. भारत में इस प्रक्रिया ने 100 वर्षों में 1.3 अरब लोगों को बदल दिया.’
रोजगार पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत में रोजगार की बड़ी समस्या है और भारत सरकार इसे मान नहीं रही है. चीन जहां एक दिन में 50 हजार नौकरियां दे रहा है, वहीं हमारे यहां एक दिन सिर्फ 450 नौकरियां दी जा रही हैं. यह एक आपदा की तरह है. देश में रोजगार बड़ी समस्या है, और पहले इसे स्वीकार करना होगा, लेकिन सरकार इसको स्वीकार नहीं कर रही.’
उन्होंने कहा, ‘मैं विभिन्न समुदायों के पास जाना पसंद करता हूं. एक सामान्य भारतीय किसान किसी कृषि विशेषज्ञ से ज्यादा ज्ञान रखता है.’ सामाजिक न्याय के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार को अधिकार देने वाले के तौर पर देखता हूं. सामाजिक न्याय केवल तभी संभव है जब लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत किया जाए.’
राहुल गांधी ने अगले साल होने वाले आम चुनाव के बारे में बोलते हुए कहा कि अगला चुनाव बेहद सीधा है. एक तरफ बीजेपी है और दूसरी तरफ हर विपक्षी दल है. इसका कारण ये है कि, पहली बार भारतीय संस्थानों पर हमला किया गया है.