समस्तीपुर/रोसड़ा : स्थानीय थाना परिसर में सोमवार को समाज मे जड़ जमाये दहेज प्रथा और बाल विवाह प्रथा के खिलाफ शपथ खाओ कार्यक्रम चलाया गया. एसडीपीओ अजित कुमार की अध्यक्षता में सभी पुलिस पदाधिकारी सहित दर्जनों पुलिसकर्मियों ने इस कार्यक्रम में “दहेज हटाओ, बहू नहीं बेटी बुलाओ”, “कम उम्र की शादी रोकें, जीवन की बर्बादी रोकें” की शपथ खायी.
कार्यक्रम के दौरान एसडीपीओ अजित कुमार ने कम उम्र में शादी करने पर होने वाले नुकसान पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस उम्र में शादी करने से लड़के-लड़कियां अपनी अलग पहचान नहीं बना पाते और न ही ज्यादा पढ़-लिख सकते हैं. वहीं दूसरी ओर समय से पहले ही उनके सिर पर परिवार को संभालने की जिम्मेदारियां पड़ जाती हैं. कम उम्र में शादी होने से लड़कों से ज्यादा लड़कियोें को नुकसान होता है क्योंकि वे ससुराल के कामों और रिश्तेदारों की खुशियां पूरी करने में सारी जिदंगी बीता देती है और उसे बाहर की दुनिया के बारे में कोई जानकारी नहीं रहती. वहीं कम उम्र में शादी होने से बच्चे भी जल्दी हो जाते हैं. जिससे लड़कियों की सेहत पर बुरा असर होता है और कम उम्र में मां बन जाने की वजह से उनके सिर पर बड़ी जिम्मेदारी पड़ जाती है.
दहेज़ प्रथा को समाज के लिए एक अभिशाप बताते हुए एसडीपीओ ने कहा कि इसको रोकने के लिए 1961 में दहेज प्रतिषेध अधिनियम बनाये गये थे. लेकिन यह अधिनियम जागरूकता के अभाव में सामाजिक स्तर पर कारगर नहीं हो सका. इस कानून में दहेज लेना देना दोनों गुनाह है. इसके लिए बड़ी सजा का प्रावधान भी है लेकिन सफल नहीं हो पा रहा है. आये दिन दहेज के चलते नव विवाहिता की हत्या हो जा रही है. उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह प्रथा दोनों मानवाधिकार का उलंघन है.
इसके अलावे उन्होंने कहा कि जो पुलिस पदाधिकारी या कर्मी दहेज लेन देन वाले कार्यक्रम या बाल विवाह वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे उनके विरुद्ध भी सूचना मिलने पर कार्रवाई की जा सकती है. पुलिस की नौकरी से हाथ धोना भी पड़ सकता है. कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने शपथ पत्र को भरा. शपथ खाओ कार्यक्रम में इंस्पेक्टर बी एन मेहता, थानाध्यक्ष चतुर्वेदी सुधीर कुमार, अरुण पटेल, सत्येन्द्र सिंह, विष्णु कुमार सिंह, विष्णु पासवान, विश्वनाथ रवि, राम बाबू यादव, अरविन्द कुमार, एन के सिंह, बी एन सिंह समेत दर्जनों पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों ने भाग लिया.