जकार्ता: संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है कि रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर म्यामां का उत्पीड़न क्षेत्रीय संघर्ष को भड़काने में समर्थ है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जीद राद अल-हुसैन ने आज इंडोनेशिया में इस बात को दोहराते हुए कहा कि हो सकता है रोहिंग्या के खिलाफ हिंसक अभियान के दौरान नरसंहार एवं जातीय सफाये की कार्रवाई हुई हो, जिसके चलते करीब 10 लाख लोग पलायन कर पड़ोसी बांग्लादेश चले गये.
अल-हुसैन ने कहा, ‘‘क्षेत्र की सुरक्षा पर संभावित गंभीर प्रभाव के साथ म्यामां को बेहद गंभीर संकट का सामना करना पड़ा. अगर रोहिंग्या संकट से धार्मिक पहचान पर आधारित व्यापक संघर्ष भड़कता है तो आगामी विवाद गंभीर चेतावनी का कारण बन सकते हैं.’’
वह इंडोनेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं.