नई दिल्ली: आरजेडी सुप्रीमो के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने के बाद उनके 22 ठिकानों पर आयकर अधिकारियों ने 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के मामले में छापेमारी की. हालांकि लालू ने इस कार्रवाई को बदले की राजनीति करार देते हुए सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया. लालू ने कुछ दिनों पहले अगस्त में पटना में रैली आयोजित करने की घोषणा की थी. राजद प्रमुख ने यह कदम बीजेपी पर जवाबी हमला करने के लिए उठाया था.
अब लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट करके बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया है कि बीजेपी और आरएसएस के लोगों सुनो, चाहे मेरी जो भी स्थिति हो, लालू तुमको दिल्ली की कुर्सी से उतारेगा.. मैं साफ-साफ कह रहा हूं कि मुझे धमकाने की हिम्मत मत करो.
इससे पहले मंगलवार को बिहार की राजनीति में हलचल मच गई थी जब लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया था कि बीजेपी को नए अलायंस पार्टनर्स मुबारक हों. लालू झुकने और डरने वाला नहीं है. जब तक आख़िरी सांस है फासीवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ लड़ता रहूंगा. इस ट्वीट के बाद लगा कहीं गठबंधन खतरे में तो नहीं है लेकिन इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही लालू यादव ने अपने इसी ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि ज़्यादा लार मत टपकाओ, गठबंधन अटूट है. अभी तो समान विचारधारा के और दलों को साथ जोड़ना है. मैं बीजेपी के सरकारी तंत्र और सरकारी सहयोगियों से नहीं डरता. RSS-BJP को लालू के नाम से कंपकंपी छूटती है. इनको पता है कि लालू इनके झूठ, लूट और जुमलों के कारोबार को ध्वस्त कर रहा है तो दबाव बनाओ.
हालांकि शाम तक जब मीडिया में महागठबंधन टूटने की खबरों नहीं थमी तो अंत में राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने पत्रकारों से बातचीत की. झा ने कहा कि लालू प्रसाद और राजद इस प्रकार की गीदड़ भभकियों से डरने वाले नहीं हैं. हमें पता है कि देश में क्या हो रहा है. लालू प्रसाद, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी की आवाज को बंद करने की कोशिश की जा रही है. आवाज खत्म नहीं होगी और अब आवाम इस लड़ाई को अपने हाथ में लेगी.