शिक्षक दिवस पर बॉलीवुड सेलेब्स ने किया अपने टीचर्स को याद

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फाइल फोटो

निजी मसलों पर कम बोलने वाले बॉलीवुड सेलेब्स शिक्षक दिवस पर अपनी जिंदगी को शेप देने वाले टीचर्स का नाम लेकर उनके योगदान की कहानियों को खुलकर सामने रख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने अपनी जिंदगी के इस पहलू की कभी चर्चा नहीं की। दैनिक भास्कर के माध्यम से वह अपने शिक्षकों से कह रहे हैं कि ‘सर/मैडम आपके ये स्टूडेंट आपको बहुत याद करते हैं।’

बॉलीवुड सेलेब्स ने अपने टीचर्स को लेकर क्या कहा:-

  1. ‘आर्ट की जगह साइंस लिया तो टीचर ने मारा जोरदार थप्पड़’: सलमान खान

    मेरे स्कूल के प्रिंसिपल फादर अलियो सबसे फेवरेट टीचर थे। वो मुझ पर जान छिड़कते थे। वो स्पेनिश थे। दसवीं पास होने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा-बेटा क्या करना चाहते हो। तो मैंने अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से कहा- सर मैं जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में जाना चाहता हूं। उन्होंने कहा बहुत अच्छे, मुझे तुम पर प्राउड है। तुम अपने इंट्रेस्ट को फॉलो करोगे, तो बहुत आगे जाओगे।

    मैंने सेंट जेवियर्स में एडमिशन लिया, क्योंकि वहां का माहौल बहुत अच्छा था। उस समय आर्ट लेने वालों के बारे में लोग समझते थे कि ये तो कॉलेज में पढ़ने नहीं टाइमपास करने आए हैं, इसीलिए मैंने साइंस ले लिया। घर आया तो सब खुश थे और कहने लगे सलमान तो डॉक्टर बनेगा। लेकिन मेरे पिताजी जानते थे कि मेरे अंदर आर्टिस्ट छुपा है, वे बोले-अगर दो महीने भी इसने साइंस कर लिया तो मैं अपना नाम बदल दूंगा।

    सलमान खान।फिर एक दिन फादर अलियो घर पर आए और उन्हें पिताजी से पता चला कि मैंने साइंस लिया है, तो उन्होंने मुझे वहीं जोर से थप्पड़ मारा और बोले दिल में आर्ट के लिए प्रेम है और डॉक्टर बनेगा? ऐसे थे मेरे सबसे फेवरेट टीचर फादर अलियो। वो जानते थे मेरी रुचि किस क्षेत्र में है। वो अब इस दुनिया में नहीं रहे। कैंसर के कारण वह कुछ साल पहले गुज़र गए।

    मैंने उनके टच में रहने की बहुत कोशिश की और मेरी बहन अलवीरा को स्कूल में उनका एड्रेस और कॉन्टैक्ट नंबर निकलवाने को भेजा भी था, पर वह नहीं मिला। उनके गुजर जाने के बाद पता चला कि उन्होंने मेरे लिए एक चिट्ठी भी लिख छोड़ी थी। मैं आज भी उनका बहुत सम्मान करता हूं। इसके अलावा जिन टीचर्स के मैं टच में हूं, उनमें से एक हैं फादर हेंड्री। वह मझगांव में रहते हैं। उनकी आंखों की रोशनी अब जा चुकी है, लेकिन मैं उनके टच में हूं। वो अब प्रीस्ट हैं। एक मेरे पीटी टीचर हैं पांडेय सर। उनके भी मैं लगातार टच में रहता हूं।

  2. इंस्टाग्राम के कोट्स शिक्षक से कम नहीं: श्रद्धा कपूर

    श्रद्धा कपूर।

    शुरुआती दिनों की बात करूं तो कास्टिंग डायरेक्टर्स की वर्कशॉप एक्टर के तौर पर बेहतर बनने में मददगार रहे। मुकेश छाबड़ा उस मायने में मेरे कमाल के टीचर रहे हैं। वे बड़े टफ टास्क मास्टर रहे हैं। ट्रैवलिंग से भी जिंदगी के बारे में जानने को काफी कुछ मिलता रहा है। इंस्टाग्राम पर जो इंस्पायरिंग कोट्स होते हैं, वे भी मेरे लिए किसी टीचर से कम नहीं हैं। मेरा सबसे पसंदीदा कोट थियोडॉर रूजवेल्ट का है। उनका कहना था कि ‘नजरें सितारों पर गड़ाकर रखो, पर कदम जमीं पर जमा कर रखो।’

  3. ‘तीन टीचर्स ने गढ़ी मेरी जिंदगी की कहानी’: मनीषा कोइराला

    तीन महत्वपूर्ण शिक्षकों का मेरे जीवन में योगदान है। मेरे लिए विधु विनोद चोपड़ा मेरे पहले गुरु हैं। फिल्म  ‘1942 अ लव स्टोरी’ के समय उन्होंने मुझे काफी मदद की थी। वही थे जो मेरे पहले एक्टिंग कोच बने थे। वह बात मैं कभी नहीं भूलूंगी।

    मेरे दूसरे शिक्षक हैं संजय लीला भंसाली। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखकर मुझे बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया था। मैंने जब उनके साथ (फिल्म ‘खामोशी: द म्यूजिकल’ में) काम किया तब वह हमेशा ध्यान रखते थे कि सेट पर अच्छा वातावरण हो और इस वजह से हमारी परफॉर्मेंस बेहतरीन होती थी। उनको मैं अभिनय का गुरु मानती हूं।

    मनीषा कोइराला।तीसरे टीचर सुभाष घई हैं। मैं सोचती हूं कि विवेक मुश्रान और मैं काफी भाग्यवान थे कि हमें सुभाषजी जैसे बड़े निर्देशक ने एक इतना बड़ा मौका (फिल्म ‘सौदागर’) दिया। इस फिल्म के बाद हमारी किस्मत बदल गई। इस वजह से मैं उनको मेरा सबसे बड़ा गुरु मानती हूं।

  4. मुझे रंगमंच पर अंगुली पकड़कर चलना सिखाया: मनोज बाजपेयी

    मनोज बाजपेयी।

    जीवन में दो टीचर्स ऐसे रहे हैं, जिनके प्रति मैं नतमस्तक हूं। इनमें से एक हैं बैरी जॉन, जिन्होंने मुझे रंगमंच पर अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। उन्होंने मुझ पर बहुत विश्वास किया और उनके कारण ही मैं यहां तक पहुंचा हूं। मेरे दूसरे गुरु आध्यात्मिक हैं, मैं जिनका नाम नहीं लेना चाहता। उन्होंने मुझे सही मायने में जीवन का उद्देश्य समझाया है। अभी मैंने कुछ महीने के लिए काम से ब्रेक लेकर उन्हीं के साथ समय बिताया था। इन दोनों को मैं अपनी जिंदगी को शेप देने वाले टीचर मानता हूं।

  5. जिंदगी के 47 साल एक्टिंग के प्रसार को देने वाले टीचर को सलाम’: ऋचा चड्ढा

    ऋचा चड्ढा।

    मेरे माता पिता दोनों टीचर हैं तो टीचर्स के लिए मेरे मन में एक अलग रिस्पेक्ट है। टीचर्स डे का यह दिन मैं अपने एक्टिंग गुरु बैरी जॉन को डेडिकेट करूंगी। जब मैं 17 साल की थी. तब से मैंने उनसे जो सीखा है, उसी ने मेरे करियर को आगे बढ़ाया है। वह अपना देश इंग्लैंड छोड़कर इंडिया में 23 साल की उम्र में आए और लोगों को एक्टिंग सिखाते रहे। इतना आसान नहीं होता अपना देश छोड़कर किसी और देश में आकर काम करना। 23 की उम्र से 70 की उम्र तक 47 साल उन्होंने सिर्फ कला के प्रसार के लिए हिंदुस्तान में बिता दिए। कई एक्टर्स को उन्होंने ट्रेन्ड किया। मैं उन्हें सलाम करती हूं।

  6. ‘जो संवाद बोलती हूं, उसका क्रेडिट मेरी हिंदी टीचर को’: विद्या बालन

    विद्या बालन।

    मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि साउथ की है। चेंबूर गर्ल रही हूं। उसके बावजूद लोगों को मेरी हिंदी बहुत साफ और अच्छी लगती है और इसकी बहुत तारीफ होती है। उसकी वजह मेरी स्कूल टीचर्स रही हैं। इसका श्रेय मैं अपनी टीचर उषा टंडन मैम को देना चाहूंगी। वे मेरी हिंदी टीचर थीं। वह बहुत अच्छे से पढ़ाती थीं, इसलिए हिंदी में मेरे हमेशा अव्वल नंबर आते थे। जब मैंने एक्ट्रेस बनने का फैसला लिया, तब उनके पास जाती थी। उन्होंने मेरी हिंदी ठीक की। उनको मैं हर टीचर्स डे पर याद करती हूं। इस इंडस्ट्री में यदि किसी को टीचर का ओहदा देना चाहूंगी, तो वे प्रदीप सरकार हैं। उनसे कैमरा फेस करने से लेकर बाकी बारीकियों के बारे में काफी कुछ सीखा।