भोपाल: मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा पेड न्यूज़ के मामले में आरोपी हैं, ओमप्रकाश धुर्वे, सूर्यप्रकाश मीणा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. अब शिवराज के राज में ऊर्जा मंत्री पारस जैन पर कुर्सी के दुरुपयोग का आरोप लगा है. ऊर्जा विभाग में ही सोलर प्लांट के लिये जैन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी बेटी और बहू की कंपनी को फायदा पहुंचाया. पारस जैन मध्य प्रदेश सरकार में ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा कैबिनेट मंत्री हैं. आरोप हैं कि उन्होंने अपनी बेटी और बहू की कंपनी इंफिनिट एनर्जी सोल्यूशन्स को ऊर्जा विकास निगम से सोलर प्लांट लगाने के लिए करोड़ों के ठेके दिलवाए हैं. जिसके एक्सक्लूसिव कागज़ात एनडीटीवी इंडिया के पास हैं. आरोप है कि उन्होंने इंदौर डिविजन में रूफ़ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड यानी (एमपीपीकेवीवीसीएल) इंदौर में कंपनी का इम्पैनलमेंट करवाया.
यही नहीं, इंफ़िनिट एनर्जी सोल्यूशन्स को ठेका देने के लिए पिछले साल 25 जून को जारी ऊर्जा विकास निगम का रिक्वेस्ट फ़ॉर प्रपोज़ल टेंडर रद्द करवा दिया. क्योंकि इसमें उनकी बेटी और बहू की कंपनी शामिल नहीं हो पाई थी. इंफिनिट कंपनी का प्रदेश के सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में 19 जुलाई 2016 को टिन नंबर का रजिस्ट्रेशन होने के बाद ऊर्जा विकास निगम की ओर से 4 दिन बाद ही यानी 23 जुलाई 2016 को फिर से टेंडर जारी किया, लेकिन इंफिनिट कंपनी के डॉक्यूमेंटस पूरे न होने के कारण निगम को टेंडर को लेट करने के लिए दो बार कॉरिजेन्डम यानी शुद्धिपत्र जारी किए गए.
इसके बाद नए नियमों के तहत अप्रैल 2017 में इंफिनिट को 4 से 10 मेगावाट के रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए एल-1 में सेलेक्ट करते हुए 350 किलोवाट के प्रोजेक्ट दिए गए. मामला सामने आने के बाद मंत्रीजी कहते हैं, कारोबार गुनाह नहीं. वहीं बहू का मानना है पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है. उनकी बहू पूजा जैन ने कहा ई टेंडरिंग ऑनलाइन और पारदर्शी व्यवस्था है, इसमें मंत्रीजी क्या कर सकते हैं. अगर कुछ गड़बड़ होती तो एक से चार कॉन्ट्रैक्ट भी हमें मिलने चाहिये थे, मध्य क्षेत्र के टेंडर भी हमने भरे थे, वो हमें नहीं मिले क्योंकि हम लोएस्ट बिडर नहीं थे. ये केवल कीचड़ उछालने वाली बात है.
पारस जैन ने सफाई देते हुए कहा, ‘जब शिक्षा विभाग में थे तब उन्होंने कंपनी बनाई, सारे टेंडर उन्हें नहीं मिलते. क्या परिवार का व्यक्ति धंधा नहीं कर सकता, उन्होंने टेंडर डाला कोई गुनाह नहीं किया.’ मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के एमडी मनु श्रीवास्तव ने कहा, ‘इंफिनिट एक बिडर था, एक श्रेणी में उन्हें तकरीबन ढाई करोड़ का काम मिला. इस श्रेणी में 30 फीसदी काम एल-2 ने किया, जबकि 20 फीसदी एल-3 ने. हमने दूसरी निविदा भेजने वालों को भी काउंटर ऑफर दिया था. इस मामले के सामने आने के बाद अब कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की है.
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘राज्य में दो कानून हैं, बीजेपी के लिये अलग बाकी के लोगों के लिये अलग. इसके पहले मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे, गौरीशंकर शेजवार, सूर्यप्रकाश मीणा भी अपने रिश्तेदारों को फायदा दिलवा चुके हैं. पारस जैन ने अपनी बहू और बेटी को करोड़ों का ठेका दिलाने के लिए उनकी कंपनी इंफिनिट एनर्जी सॉल्यूशन के लिए टेंडर की तीन बार तारीख बढ़ाई, जो भ्रष्टाचार है.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही भ्रष्टाचार को बर्दाश्त ना करने की बात दुहराते रहते हों लेकिन ये भी सच है उनके कई मंत्रियों पर पद के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं और मुख्यमंत्री ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की है, यानी कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. कुछ दिनों में मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल में बदलाव तय माना जा रहा है, कोर ग्रुप की बैठक भी हो चुकी है, देखना है मुख्यमंत्री जी अपने मंत्रियों पर लगे आरोप को अनिमियतता मानते हैं या अनुचित.