नई दिल्ली: देश में आज भी बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. इसमें भी शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि सरकार के लिए चिंता का विषय रही है. ऐसे में सरकार जब ज्यादा नौकरियों का सृजन नहीं कर पाती तो उसके पास केवल एक ही विकल्प बचता है कि वह युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करे. इसके लिए सरकार प्रयासरत है कि युवा नए उपक्रम स्थापित कर खुद भी रोजगार पाएं और अपने साथ कुछ अन्य को भी रोजगार दें. अकसर देखा गया है कि काबिल युवा फंड के अभाव में बिजनेस स्थापित नहीं कर पाता है. ऐसे में उनके सामने बड़ी चुनौती आ खड़ी होती है.
अगर कोई छोटा बिजनेस या खुद का व्यापार शुरू करना चाहते हैं लेकिन आपके पास पर्याप्त राशि नहीं है तो वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए आवेदन करके 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक लोन ले सकते हैं और अपना खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के छोटे उद्यमियों की सहायता के लिए दिल्ली में प्रधानमंत्री मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी, MUDRA) योजना की शुरुआत की थी. पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते समय कहा था कि देश के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है.
क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
मुद्रा योजना को माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) से बनाया गया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि, स्वरोजगार में जुटे 5 करोड़ 75 लाख लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है, जो मात्र 17,000 रुपये प्रति इकाई कर्ज के साथ 11 लाख करोड़ की राशि का इस्तेमाल करते हैं और 12 करोड़ भारतीयों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं. उन्होंने कहा कि इन तथ्यों के उजागर होने के बाद मुद्रा बैंक का विजन तैयार हुआ.
मुद्रा बैंक ने कर्ज लेने वालों को तीन हिस्सों में बांटा, इसमें व्यवसाय शुरू करने वाले, मध्यम स्थिति में कर्ज तलाशने वाले और विकास के अगले स्तर पर जाने की चाहत रखने वाले लोग शामिल हैं. इन तीन हिस्सों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुद्रा बैंक ने तीन कर्ज उपकरणों की शुरुआत की है-
शिशु – इसके दायरे में 50 हजार रुपये तक के कर्ज आते हैं. यह उन लोगों के लिए है, जो की अपना काम या व्यापार शुरू कर रहे हैं. शिशु लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं लगती है. शिशु श्रेणी के लोन के लिए एक पेज का फॉर्म है.
किशोर – इसके दायरे में 50 हजार से 5 लाख रुपये तक के कर्ज आते हैं. यह उन लोगों के लिए है, जो व्यापार शुरू तो कर चुके हैं पर अभी तक सही से स्थापित नहीं कर पाए हैं. किशोर श्रेणी लोन के लिए 3 पेज का फॉर्म है.
तरुण – इसके दायरे में 5 से 10 लाख रुपये तक के कर्ज आते हैं. यह उन लोगों के लिए है, जिनका व्यापर स्थापित है पर उस बढ़ाना चाहते हैं. तरुण श्रेणी के लोन के लिए 3 पेज का फॉर्म है.
इस योजना में लोन लेने के लिए कुछ भी गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं है. अकसर देखा गया है कि बैंक तक कुछ न कुछ गिरवी रखकर लोन देते हैं. यानी मुद्रा योजना के तहत बिना किसी सिक्यूरिटी के लोन मिलता है.
इस योजना के तहत टर्म लोन (term loan), ओवरड्राफ्ट (overdraft) या केश क्रेडिट (Cash credit) की सुविधा मुद्रा योजना के तहत ली जा सकती है.
कौन सा उद्योग शुरू करने के लिए ले सकते हैं मुद्रा लोन
शुरुआत में कुछ ही क्षेत्रों तक योजनाएं सीमित हैं, जैसे- जमीन परिवहन, सामुदायिक, सामाजिक एवं वैयक्तिक सेवाएं, खाद्य उत्पाद और कपड़ा उत्पाद सेक्टर. समय के साथ नई योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें और ज्यादा क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. इसमें स्वामित्व/साझेदारी फर्म लघु-निर्माण इकाइयों के रूप में कार्यरत, दुकानदार, फल/ सब्जी विक्रेता, हेयर कटिंग सैलून, ब्यूटी पार्लर, ट्रांसपोर्टर, ट्रक ऑपरेटर, हॉकर, सहकारिताएं या व्यक्तियों का निकाय, खाद्य सेवा इकाइयां, मरम्मत करने वाली दुकानें, मशीन ऑपरेटर, लघु उद्योग, दस्तकार, खाद्य प्रसंस्करण करने वाले, स्वयं सहायता समूह, 10 लाख रुपए तक की वित्तीय जरूरत रखने वाले ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सेवा प्रदाता आदि तथा पेशेवर व्यवसायों/ उद्यमों/ इकाइयों में शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना की विशेषताएं
इस योजना के तहत छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर 50 हजार से 10 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा. केंद्र सरकार इस योजना पर 20 हजार करोड़ रुपये लगाएग. साथ ही इसके लिए 3000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी रखी गई है.
महिलाएं और एससी/एसटी को फायदा
कोई भी भारतीय नागरिक मुद्रा लोन के लिए आवेदन कर सकता है. मुद्रा योजना में महिलायों और एससी/एसटी आवेदकों को लोन के लिए प्राथमिकता दी जाती है.
यह गलत धारणा है की मुद्रा लोन मुद्रा बैंक से मिलता है. ऐसा नहीं है. मुद्रा बैंक किसी व्यक्ति या व्यापारी को लोन नहीं देता. यह लोन किसी भी बैंक की शाखा में जा कर फॉर्म भरकर लिया जा सकता है. इसका मतलब साधारण बैंक मुद्रा योजना की तहत लोन देगा.
सभी प्रमुख बैंक और NBFC मुद्रा लोन प्रदान करते हैं. मुद्रा लोन देने वाले सभी बैंक और वित्तीय संस्थानों की लिस्ट मुद्रा योजना की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है. अगर 10 लाख रुपये से ज्यादा का लोन चाहिए, तो मुद्रा योजना के तहत नहीं मिल सकता. अगर पहले किसी बैंक से लोन लिया है और उसका सही से भुगतान नहीं किया गया है, तो मुद्रा लोन नहीं मिलेगा.
मुद्रा लोन की कोई निश्चित ब्याज दर नहीं है. व्यक्ति की जानकारी देखकर बैंक लोन की ब्याज दर पर फैसला लेता है. सरकार की तरफ से ब्याज दर पर कोई सब्सिडी नहीं मिलती है. शिशु लोन के लिए (50,000 रुपये तक) में लोन भुगतान की अवधि 5 वर्ष से अधिक नहीं हो सकती. मुद्रा किशोर और तरुण लोन भुगतान की अवधि का फैसला बैंक या वित्तीय संस्थान करता है. अवधि क्रेडिट स्कोर, बिज़नेस या प्रोजेक्ट के केश-फ्लो पर निर्भर करती है.
लोन लेते समय मोराटोरियम पिरड के लिए भी निवेदन किया जा सकता है. इस समय के दौरान केवल ब्याज का भुगतान करना होता है.