सरकार ने बनाई नई योजना, अब शहरों में सुनाई देगा कम शोर

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भारतीय सड़कें जल्द ही कम शोर वाली हो जाएंगी। सरकार हॉर्न से होने वाले शोर को घटाकर 100 डेसीबल करने की योजना बना रही है। मौजूदा अधिकतम स्वीकार्य सीमा में यह कमी 10 प्रतिशत की है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार हॉर्न के लिए शोर की रेंज 93 से 112 डेसीबल्स है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभय दामले ने कहा, हम इस रेंज को न्यूनतम 88 डेसीबल और अधिकतम 100 डेसीबल तक लाने की योजना बना रहे हैं।

दामले ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि भारत के शहरों में ध्वनि प्रदूषण बहुत ज्यादा है और इसपर हमेशा हमेशा सुनने में होने वाली परेशानी और कान के पर्दों को नुकसान होने का आरोप लगता रहा है। मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल कंपनियों और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के साथ कई बार बातचीत की।

जहां एक तरफ तेज हॉर्न अपने आप में एक चुनौती हैं वहीं दूसरी बड़ी समस्या लोगों द्वारा अपने वाहनों में लगाए जाने वाले शोरगुल वाले हॉर्न और मल्टीटोन हॉर्न लगाना है। इन हॉर्न का डेसीबल स्तर प्रस्तावित मोटर नियम के मानकों की अत्यधिक सीमा से कहीं अधिक होता है। तेज हॉर्न के मामले पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के अलावा कई अदालतों ने चर्चा के बाद आलोचना की थी। लेकिन उनका अनुपालन कमजोर ही रहा।