नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच सुपरस्टार रजनीकांत का बड़ा बयान आया है। फिल्म अभिनेता और सुपरस्टार रजनीकांत ने बुधवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन किया और कहा कि इस कानून से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। वहीं, रजनीकांत ने एनपीआर का समर्थन किया और कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर बहुत आवश्यक है।
नागरिकता कानून में संशोधन और इसके खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शनों के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए रजनीकांत ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘सीएए से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। अगर उन्हें कोई दिक्कत आती है तो उनके लिए आवाज उठाने वाला मैं पहला शख्स होऊंगा।’
69 वर्षीय अभिनेता रजनीकांत ने कहा कि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि भारतीय लोगों को सीएए से कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल अपने स्वार्थी हितों के लिए सीएए के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। उन्होंने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का समर्थन करने के लिए धार्मिक नेताओं को जिम्मेदार ठहराया और इसे ‘काफी गलत’ बताया।
रजनीकांत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी भी भारतीय को कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने हैरानी जताई कि मुस्लिमों को कैसे देश से बाहर निकाला जा सकता है, जिन्होंने खुद विभाजन के वक्त भारतम में रहना चुना।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान ‘बहुत, बहुत आवश्यक है’ और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने भी पूर्व में ऐसा किया था। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर देश के अलग-अलग हिस्सों में काफी विरोध हो रहा है। हालांकि, सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि यह कानून किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाने वाला है।