CAA के खिलाफ SC में सुनवाई सुनवाई में सभी पक्ष की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सरकार को 6 नहीं, 4 हफ्ते देंगे, अभी कोई आदेश नहीं देंगे. सीजेआई ने कहा कि सभी याचिकाओं पर सरकार चार हफ्ते में जवाब दे. मामले की सुनवाई की प्रक्रिया तय करने के लिए जज वरिष्ठ वकीलों के साथ बैठक करेंगे. असम पर अलग से सुनवाई नहीं होगी.
एक याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि लोगों की नागरिकता सरकारी बाबुओं के भरोसे छोड़ दी जाएगी. एटॉर्नी जनरल ने इसका विरोध किया. इसके बाद उन्होंने कुछ वकीलों ने असम से जुड़े मामलों को अलग से सुनने की मांग की. CJI ने उन याचिकाओं का ब्यौरा देने को कहा. चीफ जस्टिस ने CJI ने AG से पूछा- आप असम मामले पर कब जवाब देंगे? एटॉर्नी जनरल ने कहा दो हफ्ते में जवाब देंगे.
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा- इस मामले को भी प्राथमिकता देनी होगी. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि देर करने पर न बदली जा सकने वाली स्थिति हो जाएगी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हर याचिका सरकार के पास जानी ज़रूरी है. राजीव धवन ने कहा कि संख्या से ज़्यादा विषय ज़रूरी है, हर पक्ष से वकीलों की सीमा तय करें. हमारी तरफ से सिर्फ सिब्बल ही जिरह करें तो मुझे दिक्कत नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता क़ानून की याचिका ख़ारिज नहीं किया.रोक लगाने से इंकार नहीं किया.कहा केंद्र सरकार को सुनने के बाद तय करेंगे.