नई दिल्ली: घरेलू शेयर बाजारों में पांच दिनों तक लगातार जारी रही तेजी ने मार्केट में दांव लगाने वालों के चेहरे पर शानदार मुस्कान तैरा दी. मंगलवार तक के सेशन पर ही यदि नजर दौड़ाएं तो सेंसेक्स सिर्फ पांच कारोबारी सत्रों (17 जनवरी से 23 जनवरी तक) 35,000 से 36,000 अंक के स्तर पर पहुंच गया. वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी छह महीने (26 जुलाई, 2017 से 23 जनवरी) में 10,000 से 11,000 अंक के स्तर पर पहुंच गया है.
आइए जानें सेंसेक्स और निफ्टी में इस तेजी की 5 वजहें…
- अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) लेकर अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर लौट रही है जिससे शेयर बाजारों में जोरदार तेजी आई. आईएमएफ का अनुमान है कि 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी.
- उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों और सरकार के हालिया उपायों मसलन कुछ क्षेत्रों के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कटौती से भी शेयर बाजारों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी का सिलसिला देखा गया है.
- इसी के साथ, ब्रोकरों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सकरात्मक रुख, विदेशी पूंजी के प्रवाह और एक फरवरी को बजट से पहले निवेशकों की ओर से सौदे बढ़ाने से भी शेयर बाजार नयी ऊंचाई पर पहुंच गया है.
- जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने बाजार की इस तेजी पर कहा, ‘बेहतर तिमाही नतीजों से बाजार में तेजी जारी है. वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख है लेकिन अच्छे बजट की उम्मीद में घरेलू बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश से यहां बाजार धारणा मजबूत हुई.’
- बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को पहली बार 36,000 अंक के स्तर को पार चला गया जिससे सेंसेक्स में जोरदार तेजी से निवेशकों की पूंजी में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई. कारोबार बंद होने के समय बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण1,08,019.59 करोड़ रुपये बढ़कर 1,56,56,592 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. (इनपुट- भाषा से भी)