बच्चे के लिए मां का दूध अमृत होता है, जो किसी वरदान से कम नहीं है।
बच्चे के लिए मां का दूध अमृत होता है, जो किसी वरदान से कम नहीं है। आपने अक्सर कई महिलाओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ट्रेन या बस में अपने बच्चे को ब्रैस्टफीडिंग करवाते देखा होगा, जो बात बेहद ही आम है। एक मां को अपने बच्चे की भूख मिटाने के लिए किसी जगह और खास टाइम की परवाह नहीं होती है क्योंकि उसे सिर्फ अपने बच्चे की भूख मिटानी हैै, फिर वह जगह कोई भी हो। परन्तु आज भी कई महिलाएं ऐसी है, जो पब्लिक प्लेस में स्तनपान करवाते समय काफी शर्माती हैं, जिसकी वजह है समाज का गलत नजरिया और सोच। हमारे समाज में महिलाओं की बैस्ट को लेकर काफी मीम्स बने हुए है। इन दिनों बैस्टफीडिंग की एक फोटो को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है और वह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल भी खूब हो रही है। दरअसल, हाल ही में एक मलयाली मैगजीन के कवरपेज पर स्तनपान करवाती मॉडल की एक तस्वीर सामने आई थी, जिसमें मॉडल जीलू जोसेफ बच्चे को छाती से लगाए कैमरे की और देख रही है और इस पर लिखा है कि ‘माएं केरल से कह रही हैं – घूरो मत, हम स्तनपान कराना चाहती हैं।’ केरल के एक वकील ने मॉडल और पत्रिका पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में केस दर्ज करा दिया। कई महिलाओं और प्रगतिशील लोगों ने इस विरोध को गैरजरूरी बताया। वकील ने कहा कि इस तस्वीर से अश्लीलता फैलती है क्योंकि इस तस्वीर में जिस महिला को दिखाया स्तनपान करवाते हुए दिखाया गया है, वह शादीशुदा नहीं है।
ऐसे में कुंवारी महिला का ब्रेस्ट दिखाना सस्ती लोकप्रियता पाने जरिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मॉडल एक ईसाई है, जबकि उसने इस तस्वीर में मंगलसूत्र के साथ सिंदुर भी लगाया, जिसे देखकर कट्टरपंथी भी इसकी अलोचना कर रहे है।
इसका समर्थन करते हुए कई लोगों ने कहा कि ऐसे कैंपेन से लोगों में स्तनपान से जुड़े टैबू खत्म होंगे। फेसबुक और ट्विटर पर कई महिलाओं ने अपनी बात रखी है और इसका समर्थन किया। कई महिलाओं ने तो स्तनपान कराते हुए कुछ तस्वीरें भी शेयर की। कुछ लोगों ने तो इतना तक कहा कि ‘जो लोग यह सोचते हैं कि बच्चे को सिर्फ ढंककर ही भोजन दिया जा सकता है, क्या वे लोग अपने सर को कंबल से ढंककर खाना खाते हैं।’