हिंदी न्यूज़ › देश › शिवराज सिंह चौहान आज ले सकते हैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ, BJP विधायक दल की बैठक में चुना जाएगा नेता शिवराज सिंह चौहान आज ले सकते हैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ, BJP विधायक दल की बैठक में चुना जाएगा नेता

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता शिवराज सिंह चौहान आज शाम चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। आज ही शाम बीजेपी विधायकों की बैठक होने वाली है। इसमें उन्हें विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन उन्हें राजभवन में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं।

हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि शिवराज के साथ और कौन-कौन मंत्री शपथ लेंगे। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दोरान राज्यपाल लालजी टंडन कुछ मंत्रियों को भी शपथ दिला सकते हैं। टीवी रिपोर्ट के मुताबिक राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारी हो रही है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते राज्य के लिए स्थाई सरकार की जरूरत है। इसलिए भाजपा ने शाम छह बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। सभी विधायकों को अकेले पार्टी दफ्तर आने के लिए कहा गया है। पार्टी हाईकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए विधायकों से संवाद करेंगे। उसके बाद ही नए नेता के नाम का ऐलान होगा। सूत्रों का कहना है कि आज शाम सात बजे ही नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण हो सकता है। इसकी तैयारी राजभवन में जारी है।

22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। ये सभी विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के हैँ।

कांग्रेस के बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होते ही कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 92 हो गई है। वहीं, बीजेपी के पास कुल 107 विधायक है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बागी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कुल 24 सीट खाली हो गई है। ऐसे में फिलहाल बीजेपी के पास बहुमत के लिए जरूरी विधायकों की संख्या मौजूद है।

बीजेपी में शामिल हो चुके हैं 22 विधायक
मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी 22 बागी विधायक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में दिल्ली में आज भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इन्हीं बागी विधायकों की वजह से मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार शुक्रवार को गिर गई थी।