हज़रत मौलाना शमीम मोनामी सब्ज़ीबाग़ में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ धरना को संबोधित करते हुए कहा:-
पहली बार हुआ कि भारत की संसद में जो बिल पारित हुई हो उसे राज्य की असेंबलीयां नकार दे रही है.उसके ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित हो रहा है.यह मामूली बात नहीं है
ऐसा- ऐसा सवाल पूछा जा रहा जिससे हर भारतीय को परेशान किए हुए है
राजनीतिक दल के लोग किस ग़लतफ़हमी में है .अरे तुम से भी काग़ज़ दिखाने को कहा जायेगा.तुम काग़ज़ दिखाओगे क्या?
जब बिहार के मुख्यमंत्री नहीं जानते की उनकी माँ कहा पैदा हुई तो आम जनता को कैसे पता होगा
अभी सिर्फ़ मुसलमान निकला है.जिस दिन सब हिंदू,सब सिख,सब ईसाई बाहर निकल आयेगा तो आप कहाँ रहेंगे.
तुम कौन होते हो नागरिकता मांगने वाले.सब लोग बेचैन हैं इसलिए सड़क पर हैं.पूछते हैं औरतें बच्चे को लेकर आंदोलन कर रही हैं.इसलिए वो सड़क पर हैं कि जब उसे नागरिक नहीं माना जा रहा तो उसके बच्चे का क्या होगा
अपने जज़्बे को जमाये रखिये.बहुत तूफ़ान आयेगा,सुनामी आयेगी.अपने पैरों को जमाये रखिए
बौखलाहट का नतीजा है की गोलियाँ चला रहे हैं.तुम डराओ मत मुझे.यूपी में 30 लोगों की शहादत दी है
वो कहते हैं कि बटन दबाओ कि शाहीनबाग़ में करंट लगे.पहले तुम बताओ तुमको करंट लगा या नहीं
गांधी की आत्मा को हम बता रहे हैं हम सोये नहीं हैं.हम जगाने के लिए बैठे हैं
अरे ये हिंदू-मुस्लिम का मसला नहीं है.तेरा भी है और मेरा भी है