10 अक्‍टूबर से फिर बढ़ेगा दिल्ली मेट्रो का किराया, देर से जागी दिल्ली सरकार

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नई दिल्‍ली: दिल्ली मेट्रो के अध्यक्ष मंगू सिंह ने ऐलान कर दिया है कि फिलहाल मेट्रो के किराये बढ़ेंगे. दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के साथ हुई बैठक के बाद मंगू सिंह ने यह ऐलान किया. मंगू सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ‘किराया तय करने वाली समिति बीते साल सितंबर में ही बन गई थी और मई महीने में नए किराए का ऐलान हो गया था इसलिए फिलहाल तो किराए बढ़ेंगे.’ आपको बता दें कि बीते साल सितंबर में मेट्रो का किराया तय करने वाली समिति बनाई गई थी जिसमें दिल्ली के मुख्य सचिव भी शामिल थे. इसी समिति की सिफारिश थी कि किराये पिछली बार 2009 में बढ़ाए गए थे. अब 2017 में दो चरणों में बढ़ाए जाएं. पहला चरण मई में लागू होगा और दूसरा अक्टूबर में. 8 मई 2017 को दिल्ली मेट्रो ने बाकायदा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके अपने इस फैसले की जानकारी दी. उस वक्‍त दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो के इस फैसले का कोई विरोध नहीं किया, लेकिन अब जब 10 अक्टूबर से  दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने का दूसरा चरण लागू होने वाला है, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अचानक इस फैसले के 5 महीने बाद इसका विरोध करना शुरू कर दिया.

दिल्ली मेट्रो के अध्यक्ष मंगू सिंह से बैठक के बाद दिल्ली के परिवहन मंत्री ने बताया कि ‘मैंने मेट्रो प्रमुख को निर्देश दिये हैं कि जब तक दिल्ली सरकार एग्जामिनेशन न कर ले तब तक किराये न बढ़ाये जाएं. मैंने चीफ सेक्रेटरी को भी इस डायरेक्शन के बारे में बता दिया है.’ लेकिन जब कैलाश गहलोत से पूछा गया कि किराया तय करने वाली समिति में दिल्ली सरकार के भी प्रतिनिधि होते हैं, ऐसे में जब समिति ने फैसला लिया तब दिल्ली सरकार ने विरोध क्यों नही किया? तो कैलाश गेहलोत ने कहा, ‘फेयर फिक्सेशन कमिटी की फाइनल मीटिंग में मुख्य सचिव और ट्रांसपोर्ट अधिकारी नही गए थे.’

कितना बढ़ेगा किराया
आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो के प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में किराया न्यूनतम 10 रुपये से लेकर अधिकतम 60 रुपये किया जाएगा जबकि अभी ये न्यूनतम 10 रुपये से अधिकतम 50 रुपये है. इसी साल मई के महीने में ही मेट्रो में किराये बढ़ाये गए थे. ये इस साल की दूसरी बढ़ोतरी है. मई की बढ़ोतरी से पहले मेट्रो में किराया न्यूनतम 8 रुपये से अधिकतम 30 रुपये था, यानी एक तरह से 3 अक्टूबर से जो नए किराए लागू होंगे वो मई से पहले के किराए के मुकाबले दोगुने होंगे.

5 महीने बाद क्यों जागी केजरीवाल सरकार?
सवाल उठना लाज़मी है कि जब मई के महीने में किराया बढ़ोतरी का ऐलान हुआ तो दिल्ली सरकार 5 महीने बाद क्यों जागी? मई में किराये पहले ही बढ़ चुके हैं और 10 अक्टूबर से फिर बढ़ने वाले हैं तो ऐसे में अचानक विरोध क्यों? क्या दिल्ली की आप सरकार को लगता है दिल्ली में महंगाई बढ़ने का उसको नुकसान हो सकता है या फिर केवल विरोध करते हुए दिखकर वो संदेश देना चाहती है कि वो आम लोगों के हक़ में आवाज़ उठाती है भले कोई माने ना माने?