पिछले काफी वक्त से कुछ मुस्लिम युवा चेहरे लगातार सुर्खियों में हैं. ये वे लोग हैं जिन्होंने वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की है मुसलमानो की समस्या को पार्लियामेंट से लेकर सड़क तक गरमाए रखा यही कारण है कि मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में ये लोग छाए हुए हैं. विपक्षी पार्टियों का भी समय समय पर समर्थन भी इन लोगों को मिल रहा है. क्या ये मुस्लिम युवा नेता भविष्य की राजनीति के चेहरे हैं? क्या 2019 में ये चर्चित चेहरे कोई चमत्कार कर पाएंगे? किया मौजूदा विपक्ष इन को आगे अपनी पार्टी में जगह देगी ये समय बताएगा ———————टी एम ज़िया उल हक़
अमीक जामई : अमीक उस समय सुर्खी में आये जब बे गुनाह मुसलमानो की गिरफ़्तारी को ले क़र आवाज़ उठाई 2012 में Peoples Campaign Against Politics of Terror PCPT का गठन किया और 2014 में एक दिवसीय सम्मलेन बुलाया जिस में देश की सारी सेक्युलर पार्टी के नेता शामिल थे शरीक हुए असर इस का ये हुआ के सरकार को एक दिन का लोकसभा का सत्र बुलाना पड़ा और तत्कालीन गृह मंत्री को ये कहना पड़ा के बना किसी साबुत के गिरफ़्तारी नहीं हो गी अमीक उस समय फिर चर्चा में आये जब JNSU के सदर कन्हैया कुमार की गिरफ़्तारी हुई पाट्याला हाउस कोर्ट के बहार खड़े अमीक़ को बीजेपी विधायक ओ पी शर्मा ने मारा। अमीक़ देश का बड़ा युवा मुस्लिम चेहरा मन जाता है और उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है।
शहला रशीद : आईआईएम अहमदाबाद से एम बी ऐ करने के बाद जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एम फील में नामांकन कराया छात्र संघ का चुनाव लड़ा और वाईस प्रेसिडेंट जीतीं। कन्हैया कुमार और उमर खालिद को देश दरोही नारा लगाने के आरोप में जेल हुई तो छात्रों की आवाज़ बन कर सामने आयीं। मज़बूती से आवाज़ बुलंद की देश व्यापी आंदोलन खड़ा किया। शहला रशीद कश्मीर से हैं
उमर खालिद : जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र हैं देश विरोधी नारे के आरोप में कन्हैया कुमार के साथ ये भी जेल गए दलित और मुसलमानो के हक़ की लड़ाई लड़ रहे है। ये महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं और मगर अभी पूरा परिवार दिल्ली में रहता है।
आदिल हसन आज़ाद : बिहार का एक युवा चेहरा आदिल हसन आज़ाद है पुणे से वकालत की पढाई पूरी करने के बाद सामाजिक काम में लगा और जब बिहार में 2010 में पहला चुनाव लोजपा और रजद गठबंधन के टिकट पर कटिहार के बलरामपुर विधान सभा से लड़ा और जब 2014 में लोजपा ऐन डी ए में शामिल हो गई तो आदिल ने लोजपा से इस्तीफा दे दिया और मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (मीम) के साथ हो लिए 2015 का चुनाव मीम के टिकट पर कटिहार के बलरामपुर से लड़ा। आदिल भी Peoples Campaign Against Politics of Terror PCPT के संस्थापक सदस्य हैं
शमशाद पैठण : गुजरात के दलितों का ऊना आंदोलन को कोर्ट से लेकर सड़क तक लड़ने वाला एक नाम शमशाद पैठण का भी है ऊना मूवमेंट को खड़ा किया वहां दलितों ने अपना नेता जिग्नेश मेवानी को चुना।
इंजीनियर उबैदुल्लाह : बिहार के मधुबनी जिला के रहने वाले हैं जल जंगल और ज़मीं से जुड़े हैं देश भर के जंगल और ज़मीन की सुरछा के लिए आवाज़ उठाते हैं। सरकार से सब के लिए जल को कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ रहे हैं