इतना पढ़ाया समझाया फिर भी इस काम में फेल हो गए 21 सांसद, पीएम मोदी हैं नाराज़

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार को हराकर एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद जीते और आज उनका शपथग्रहण समारोह हुआ. जीत बीजेपी में खुशी लेकर आई. ऐसा पहली बार हुआ जब बीजेपी का कोई नेता रायसीना हिल्स पहुंचा है. लेकिन इस जीत के बावजूद भी बीजेपी का एक ख्वाब जरूर अधूरा रह गया जिसे पूरा करने के लिए पार्टी ने पूरी कोशिश की. दरअसल बीजेपी चाहती थी कि इस चुनाव में वह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मिले वोटों के प्रतिशत का रिकॉर्ड तोड़ दे. ऐसा हो भी सकता था क्योंकि केंद्र में बीजेपी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार है और कई राज्यों में भी बीजेपी की ही सत्ता है. फिर बीजेपी प्रणब दा के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाई.

बीजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बीजेपी सांसदों की एक बैठक में सभी को एक तरफ से फटकार लगाई.

हाल ही संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी संख्या में सांसदों और विधायकों के वोट रद्द हुए. इस चुनाव में कुल 77 वोट रद्द हुए थे जिनमें से 21 सांसद के हैं. बीजेपी को लग रहा है कि पार्टी के सांसदों के वोट भी निरस्त हुए हैं. यहां यह बता दें कि चुनाव में वोटिंग से यह पता नहीं लग पाता कि कौन से सांसद का वोट रद्द हुआ है.

सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव से एक दिन पहले एनडीए की बैठक में टीवी मॉनीटर के जरिए विस्तार से बताया गया था कि किस तरह से वोट डालना है, इसके बावजूद कई सांसदों और विधायकों के वोट निरस्त हुए. यह ठीक नहीं है.

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे सांसद क्षेत्र की जनता की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे जिसने उन्हें चुन कर भेजा. बतौर सांसद वह अपने संसदीय क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उनके जरिए लोगों का मत इस चुनाव में प्रदर्शित होता है.

प्रणब मुखर्जी को कितने मिले थे वोट : चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कोविंद के पूर्ववर्ती प्रणब मुखर्जी को वर्ष 2012 में हुए चुनाव में 69.31 फीसदी वोट मिले थे. वर्ष 2007 में प्रतिभा पाटिल को 65.82 प्रतिशत मिले थे, जो कोविंद की तुलना में थोड़ा अधिक था. केआर नारायणन (1997) और एपीजे अब्दुल कलाम (2002) को क्रमश: 94.97 और 89.57 प्रतिशत मत मिले थे.

रामनाथ कोविंद को मिले वोट : राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने आसान जीत दर्ज की है लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो उनका वोट प्रतिशत वर्ष 1974 से लेकर अब तक सबसे कम रहा है. कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव में कुल 10,90,300 में से 7,02,044 मत प्राप्त किए. वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मीरा कुमार को 3,67,314 मिले. इस हिसाब से निर्वाचित उम्मीदवार को 65.65 प्रतिशत मत मिले. हालांकि जीत का अंतर वर्ष 1974 की तुलना में सबसे कम है.