दिल्ली हिंसा : 5 घायलों ने दम तोड़ा, 2 शव बरामद, अब तक 34 की मौत, 130 गिरफ्तार, आज की 5 बड़ी खबरें

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नई दिल्ली: 

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में लगातार तीन दिनों तक हुई हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हो गई है. आज सुबह पांच घायलों ने दम तोड़ा है. वहीं 2 शव बरामद किए गए हैं.  200 से ज़्यादा लोग अस्पताल में हैं, जिनमें कुछ लोगों की हालत काफ़ी गंभीर बताई जा रही है. हिंसा को लेकर अलग-अलग थानों में 18 एफ़आईआर दर्ज की गई है और 130 उपद्रवियों को गिरफ़्तार किया गया है. बुधवार को कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई. हालांकि रात के वक़्त मौजपुर समेत कुछ इलाक़ों में छिटपुट हिंसा की ख़बरें ज़रूर आईं. दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान लगातार संवेदनशील इलाक़ों में गश्त कर रहे हैं. दिल्ली धीरे-धीरे पटरी पर लौटती दिख रही है, हालांकि तनाव अब भी बना हुआ है. वहीं सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता के साथ अब  एडिशनल सलिस्टर जनरल मनिंदर आचार्य और वरिष्ठ वकील रजत नैय्यर भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस का पक्ष रखेंगे. दिल्ली के उपराज्यपाल ने यह आदेश जारी किया है. बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अभियोजन दिल्ली सरकार के पास है, इसलिए दिल्ली पुलिस की तरफ से बहस सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता नहीं कर सकते है.

आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप
दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) पर आरोप लग रहा है कि हिंसा भड़काने में उनका हाथ है. हिंसा में मारे गए इंटेलिजेंस अफसर अंकित शर्मा के परिजनों ने कथित तौर पर ताहिर पर हत्या करने का आरोप लगाया है. ताहिर पर यह भी आरोप लग रहा है कि 25 फरवरी को उनके चांदबाग स्थित घर से उपद्रवियों ने लोगों पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके. ताहिर इससे इंकार करते रहे लेकिन अब जो एक वीडियो सामने आया है, उसमें उनके घर की छत पर काफी मात्रा में पत्थर और पेट्रोल बम मिले हैं. ताहिर हुसैन के घर की छत पर बोरों में भरे पत्थर और कैरेट में रखे पेट्रोल बम मिले हैं. ताहिर फिलहाल अपने घर पर नहीं हैं. ताहिर के घर की छत से पथराव और पेट्रोल बम फेंके जाने के वीडियो इससे पहले भी सामने आए थे लेकिन ताहिर ने उनका खंडन किया था. उनका कहना था कि घटना के समय वह अपने घर पर नहीं थे. बीजेपी नेता उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.p

जस्टिस के तबादला,  मोदी सरकार निशाने पर
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले पर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. बुधवार को हुई हिंसा के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एस मुरलीधर ने बीजेपी नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी पर कार्रवाई न करने पर पुलिस को फटकार लगाई थी. जारी हुए नोटिफिकेशन के मुताबिक उनका दिल्ली से बाहर पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट तबादला कर दिया गया. हालांकि कॉलेजियम ने दो हफ़्ते पहले ही 12 फ़रवरी को उनके तबादले की सिफ़ारिश की थी. लेकिन सरकार ने कल जब इस पर मुहर लगाई तो टाइमिंग पर सवाल उठने लगे. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि क्या न्याय करने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा?

कानून मंत्री की सफाई
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सफाई दी है कि सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में 12 फरवरी को ही उनके तबादले की सिफारिश कर दी गई थी. किसी भी जज के ट्रांसफर पर उनकी भी सहमति ली जाती है और इस प्रक्रिया का भी पालन किया गया है. इस मुद्दे का का राजनीतिकरण के करके कांग्रेस ने एक बार फिर न्यायपालिका के प्रति अपनी दुर्भावना को दिखाया है.

विदेशों में भी चर्चा
दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) का मुद्दा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब चर्चा में है. दरअसल दिल्ली में 25 फरवरी को हिंसा अपने चरम पर थी और दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स यानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) उस दिन दिल्ली में ही थे. मीडिया से मुखातिब होते हुए ट्रंप से जब दिल्ली हिंसा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे भारत का आंतरिक मामला बताते हुए टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था. जिसके बाद अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के प्रबल दावेदार और अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स (Bernie Sanders) ने ट्रंप के बयान की आलोचना की. बर्नी सैंडर्स ने ट्वीट किया, ’20 करोड़ से ज्यादा मुसलमान भारत को अपना घर कहते हैं. व्यापक स्तर पर हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा में कम से कम 27 मारे गए और कई घायल हुए. ट्रंप ने जवाब दिया, “यह भारत पर निर्भर है.” यह मानव अधिकारों पर नेतृत्व की विफलता है.’