उत्तर प्रदेश लौटे प्रवासियों को रोजगार देने की दिशा में काम शुरू हो गया है। राहत आयुक्त कार्यालय ने साढ़े चार लाख से अधिक मजदूरों को रोजगार दिलाने की दिशा में पहल कर दी है। इनके हुनर के हिसाब से इन्हें रोजगार देने के लिए संबंधित विभागों को सूची भेजी जा रही है। प्रदेश लौटे प्रवासियों में अब तक 16 लाख का ब्योरा जुटाया जा चुका है कि इनके पास क्या हुनर है।
भवन निर्माण के लिए भेजा ढाई लाख नाम
यूपी लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए सबसे अधिक नाम बिल्डरों की संस्था ‘नेरेडको’ को भेजा गया है। इस संस्था को 244400 मजदूरों के नाम भेजे गए हैं। इसमें इनके बारे में पूरी जानकारी दी गई है, जिससे भवन निर्माण संबंधी काम शुरू होने पर मजदूरों की जरूरत होने पर इन्हें काम पर लगाया जा सके। प्रदेश में भवन निर्माण के क्षेत्र में सर्वाधिक छत्तीसगढ़ के मजदूर लगे हुए थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद अधिकतर अपने घर वापस लौट गए हैं। इसलिए बिल्डरों को भवन निर्माण में मजदूरों की अधिक जरूरत होगी। इसीलिए भवन निर्माण के क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार देने के लिए ब्योरा भेजा दिया गया है।
सबसे पहले हुनरमंदों को रोजगार
इसके साथ ही एमएसएमई और कौशल विकास मिशन को प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों के नाम भेज दिए गए हैं। इनमें पेंटर, पेंटिंग, पीओपी वर्क, फैक्ट्री मजदूर, कारपेंटर, टेलर, स्टिचिंग, कढ़ाई, चालक, खेती मजदूर, उद्योगों में काम करने वाले, प्लंबर और कुक की सूची भेजे गई है। इस सूची के आधार पर यह भी बताया गया है कि कौन कितने साल से किस क्षेत्र में काम कर रहा था। राहत आयुक्त कार्यालय का मानना है कि इसके आधार पर जरूरतमंदों को रोजगार मिलने का रास्ता साफ होगा।
कितने प्रवासियों का कहां भेजा गया ब्योरा
नेरेडको 244400
एमएसएमई 77013
कौशल विकास मिशन 135163
राहत आयुक्त संजय गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश लौटे प्रवासियों का ब्योरा संबंधित संस्थानों को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे उन्हें रोजगार मिलने का रास्ता साफ हो सके। प्रदेश में 16 लाख का अब तक ब्यौरा जुटाया जा चुका है।