दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रोलियम उत्पादों पर मूल्यवर्धित कर (वैट) में बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि मई महीने में डीजल की बिक्री में 79 प्रतिशत की गिरावट आई है। एसोसिएशन के अनुसार, इस साल मई में 1.73 करोड़ लीटर डीजल की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल इसी महीने में दिल्ली में आठ करोड़ लीटर डीजल बेचा गया था। संगठन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ वैट की वजह से मूल्य असमानता का असर पेट्रोल पंपों की बिक्री पर हो रहा है। दिल्ली सरकार ने पांच मई को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया था।
डीजल की बिक्री में 79 प्रतिशत की गिरावट
संगठन के अध्यक्ष अनिल बिजलानी ने कहा, ”अप्रैल महीने में डीजल की बिक्री में 84 प्रतिशत की गिरावट आई थी। मई में पाबंदियों में ढील मिलने के बावजूद डीजल की बिक्री में 79 प्रतिशत की गिरावट आई है। संगठन के पूर्व अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा कि डीजल की बिक्री में न्यूनतम कमी का प्राथमिक कारण पड़ोसी राज्यों के साथ लगभग 7 रुपये प्रति लीटर का भारी अंतर है। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली को बिक्री और राजस्व दोनों का नुकसान हो रहा है। सिंघानिया ने कहा कि अधिक करों के कारण दिल्ली को प्रति माह 58 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
संगठन ने कहा कि दिल्ली में डीजल की कीमत चार जून को 69.39 रुपये प्रति लीटर थी, जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह क्रमशः 62.68 रुपये प्रति लीटर और 63.45 रुपये प्रति लीटर थी। पंजाब में यह 63.30 रुपये प्रति लीटर थी। संगठन ने पत्र में कहा कि वैट की दरों में कमी से दिल्ली के आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि डीजल के दाम बढ़ने का असर सभी वस्तुओं पर पड़ता है।