लालू प्रसाद ने अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने का ऐलान कर दिया है. लालू ने अपने दोनों बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी को पार्टी की कमान दे दी. बता दें कि दोनों अभी बिहार सरकार में मंत्री भी हैं. पर अब सवाल उठ रहा है कि लालू ने अपनी बेटी यानी मीसा भारती को अपना उत्तराधिकारी क्यों नहीं बनाया? क्योंकि मीसा न केवल अपने दोनों भाइयों के राजनीति में आने के पहले से एक्टिव हैं बल्कि सार्वजनिक मंचों पर भी ज्यादा नजर आती रही हैं.
मीसा भारती- लालू के करियर में अहमियत और कैसे हो गईं पर्दे के पीछे
मीसा भारती लालू-राबड़ी की पहली संतान हैं. जब मीसा का जन्म हुआ तो उस वक्त लालू छात्र आंदोलन के दौरान जेल में थे. देश में मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) कानून लाया गया था. इसी एक्ट के तहत लालू जेल में थे. कहा जाता है कि लालू इस एक्ट को कभी नहीं भूलना चाहते थे, इसलिए पहली संतान का नाम मीसा रख दिया.
तीन साल पहले तक सबसे ज्यादा सक्रिय थीं मीसा
तीन साल पहले तक लालू-राबड़ी के बाद यादव परिवार में तीसरा सबसे ज्यादा सक्रिय अगर कोई था तो वो मीसा ही थीं. 2014 में लालू ने मीसा को टिकट देने के लिए कभी करीबी रहे रामकृपाल यादव से भी दुश्मनी मोल ली. पर मीसा 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पाटलिपुत्र से चुनाव हार गईं. यहीं से वे धीरे-धीरे पर्दे के पीछे चली गईं. इसी दौरान 2015 में बिहार में चुनाव हुए. जेडीयू और राजद ने मिलकर चुनाव लड़ा, लालू की पार्टी ने अच्छी वापसी की. पर इस बार लालू ने अपने दोनों बेटों- तेज प्रताप और तेजस्वी को आगे किया. तेजस्वी डिप्टी सीएम बने और तेज प्रताप हेल्थ मिनिस्टर.
लालू ने कब किया ऐलान?
पिछले दो दिनों से बिहार के राजगीर में आरजेडी ट्रेनिंग कैंप चल रहा है. यहीं पर लालू ने ऐलान किया- मेरे बाद तेज प्रताप और तेजस्वी पार्टी की बागडोर संभालेंगे. बता दें कि लालू प्रसाद अगले साल 70 साल के हो जाएंगे, और वे अब सक्रिय राजनीति के मूड में नहीं हैं. हालांकि, मीसा अभी भी सक्रिय हैं. भले ही वे चुनाव हार गई थीं, पर पिछले साल राजद ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया.
मीसा ने दिया परंपरा का नाम
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों भाइयों को पार्टी की कमान दिए जाने पर मीसा ने कहा- हमारे यहां दायित्व बेटों को दिया जाता है. यह हमारी परंपरा है. हालांकि, मीसा ने यह भी कहा- आज की राजनीति में डेमोक्रेसी ही सब कुछ है. वंशवाद की कोई जगह नहीं है. ऐसा नहीं है कि पिता के बाद बेटे को ही गद्दी मिले. जनता ने तेज और तेजस्वी को चुना है. दोनों ने चुनाव जीता और मिनिस्टर बने.
लालू ने कई और को भेजा मैसेज
लालू ने अपने उत्तराधिकारी का ऐलान कर मीसा ही नहीं पार्टी के सीनियर नेताओं को भी एक मैसेज भेजा है. इससे रघुवंश प्रसाद, जगदानंद सिंह और प्रभुनाथ सिंह जैसे सीनियर नेताओं को भी मैसेज भेज दिया. बता दें कि ट्रेनिंग कैंप में ये भी मौजूद थे.